विद्यार्थी अपने-अपने क्षेत्र के प्रचलित पौधे लाकर विश्वविद्यालय परिसर में लगाए, ताकि परिसर के जैवविविधत्ता को बढ़ाया जा सके - कुलपति प्रो पांडेय
सांस्कृतिक वन निर्माण से विश्वविद्यालय की जैवविविधता में वृद्धि होगी
विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने दिनांक 7 अप्रैल 2023 को वन विभाग के अधिकारियों के साथ सांस्कृतिक वन निर्माण के स्थान का निरीक्षण करते हुए परिसर के जैवविविधता बढाये जाने के उपयुक्त उपायों पर चर्चा की। विक्रम विश्वविद्यालय एवं वन विभाग के सयुक्त तत्वाधान से विक्रम विश्वविद्यालय के परिसर में सांस्कृतिक वन का निर्माण होने जा रहा है, परिसर में गुजरात मॉडल के तर्ज पर सांस्कृतिक वन का निर्माण किया जा रहा है।
इस वन में दुर्लभ प्रजाति के पौधे रोपित किये जाएँगे एवं सम्पूर्ण परिसर में ऐसा वातावरण बनाया जायेगा। इसमें उज्जयिनी की सभ्यता एवं संस्कृति की झलक मिले। गौरतलब है, कि कुछ दिन पूर्व वन विभाग एवं विक्रम विश्वविद्यालय के मध्य एम. ओ. यू. हुआ था, जिसके बाद इस वन का निर्माण प्रारम्भ हुआ है। शुक्रवार को विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने वन विभाग के अधिकारियों के साथ वन निर्माण के स्थान के साथ विश्वविद्यालय परिसर के महत्पूर्ण स्थानों का भ्रमण किया एवं वन निर्माण के कार्य का जायज़ा लिया। इस दौरान उन्होंने वन विभाग के जिला वन मंडलाधिकारी डॉ किरण बिसेन एवं मुख्य वन संरक्षक, उज्जैन संभाग श्री मनोज अग्रवाल के साथ वन में रोपित किये जाने वाले पौधों पर चर्चा की एवं उस स्थान पर अधिक से अधिक फलदार और छायादार वृक्ष रोपित करने पर बल दिया। उन्होंने यह भी कहा कि विक्रम विश्वविद्यालय में अध्ययनरत शहर एवं राज्य के बाहर से आये विद्यार्थी अपने-अपने शहर अथवा राज्य में प्रचलित एक-एक पौधा ला कर यहाँ रोपित करें जिससे विश्वविद्यालय परिसर की जैवविविधता बढ़ सके और परिसर और भी हरा-भरा हो सके। वन विभाग के इंजीनियरों से चर्चा करते हुए उन्होंने यह भी कहा की विक्रम विश्वविद्यालय जल संरक्षण के लिए भी सक्रिय है एवं विश्वविद्यालय का प्रयास है कि वर्षा से आया पानी बिलकुल भी व्यर्थ न हो और विश्वविद्यालय में संरक्षित किया जा सके।
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विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर प्रशांत पुराणिक ने इस अवसर पर बताया कि सांस्कृतिक वन का निर्माण पर्यावरण एवं सामाजिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण कदम है, यह विद्यार्थियों के लिए भी लाभकारी होगा। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने बताया कि 350 एकड़ क्षेत्र में फैला यह विक्रम विश्वविद्यालय परिक्षेत्र जैवविविधता से भरा हुआ है परतु सांस्कृतिक वन निर्माण से इसकी जैवविविधता में और वृद्धि होगी।
इस अवसर पर माननीय कुलपति जी के साथ वन विभाग के अधिकारी, कर्मचारी एवं विक्रम विश्वविद्यालय के शिक्षक प्रोफेसर संदीप तिवारी, प्रोफेसर राजेश टेलर, डॉ अरविन्द शुक्ल एवं डॉ शिवि भसीन उपस्थित थे।
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