देश, समाज, श्रमिक संगठनों एवं बैंकिंग उद्योग की बेहतरी के लिए बैंक कर्मियों ने शपथ ली
भोपाल । ऑल इंडिया बैंक एम्प्लाईज एसोसिएशन के 78 वें स्थापना दिवस पर राजधानी भोपाल की बैंकों के सैकड़ों बैंक कर्मचारी एवं अधिकारियों द्वारा आज शाम 6:00 बजे मालवीय नगर भोपाल स्थित होटल कालिंदी के सभागार में एकत्रित होकर एक कलरफुल, प्रभावी, इंकिलाबी सभा का आयोजन किया। सभा स्थल को संगठन के लाल रंग की पताकायों एवं झंडों से पाट दिया गया था। सभा में उपस्थित बैंक कर्मियों की लाल ड्रेस आकर्षण का केंद्र थी। सभा को बैंक कर्मचारी-अधिकारी नेताओं वी के शर्मा, नजीर कुरेशी, दीपक रत्न शर्मा,जे पी झवर, शिव शंकर मौर्या, गुणशेखरन, भगवान स्वरूप कुशवाहा, एम एस जयशंकर,अशोक पंचोली, जे पी दुबे, देवेंद्र खरे, जे डी मलिक, सत्येंद्र चौरसिया, किशन खैराजानी, कैलाश मखीजानी, संतोष मालवीय, योगेश मनुजा आदि ने संबोधित किया।
वक्ताओं ने बताया कि, एआईबीईए की स्थापना आज से 77 वर्ष पूर्व 20 अप्रैल 1946 को कलकत्ता में हुई थी। किसी भी संगठन द्वारा अपना 78 वां स्थापना दिवस मनाना अपने आप में महत्वपूर्ण है। बैंक कर्मचारियों का यही एक ऐंसा संगठन है जिसका अपने संघर्षों एवं ढेर सारी उपलब्धियों का इतिहास है। इसके पदाधिकारियों की निस्वार्थ सेवाओं, संघर्षों एवं कुर्बानियों से संगठन के इतिहास के पन्ने भरे मिलेंगे। सभी राजनैतिक विचारधाराओं, धर्मों, जाति एवं क्षेत्र के व्यक्ति इसके सदस्य हैं। इस संगठन की ताकत, गौरव, एवं सम्मान का मुख्य कारण इसके सदस्यों की इसके प्रति अटल निष्ठा, भरोसा, प्यार, स्नेह, दृढ़- विश्वास, प्रतिबद्धता एवं समर्पण है। ये संगठन एक सेना है जिसके सिपाही सम्पूर्ण देश में फैले हुए हैं एवं जो संगठन के साथ हर समय खड़े हैं। हाल ही के वर्षों में नई पीढ़ी के लाखों युवा साथी संगठन से जुड़े हैं तथा वे संगठन के हर कार्यक्रमों में बढ़ चढ़ कर भाग ले रहे हैं। इन्होंने संगठन को और अधिक मजबूती प्रदान की है। सही मायने में ये संगठन का भविष्य है। इस महान अतुलनीय संगठन के सदस्य होने पर हमे गर्व है। बैंकिंग उद्योग में ट्रेड यूनियनों की स्थापना, बैंकों का राष्ट्रीयकरण, द्विपक्षीय समझौता वार्ता प्रणाली, बैंकों के निदेशक मंडल में कामगार निदेशक की नियुक्ति, मूल्य सूचकांक से जुड़ा महगाई भत्ता, पेंशन एवं बैंक कर्मियों को प्राप्त हो रहीं अन्य सुविधाएं इस महान संगठन की देन है। बैंकिंग उद्योग में बैंक कर्मियों के अधिकारों एवं सुविधाओं को प्राप्त करने तथा बैंकिंग उद्योग की बेहतरी के लिए सबसे ज्यादा राष्ट्र व्यापी हड़तालें करने का रिकार्ड भी इसके नाम है। यह बैंक कर्मियों की एकता, संघर्षों, उम्मीदों,आकांक्षाओं एवं उपलब्धियों का प्रतीक है। आज हम उन सभी नेताओं को सलाम करते हैं जिन्होंने संगठन को वर्तमान ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।
सभा के अंत में बैंक कर्मियों ने शपथ ली की वे - एआईबीईए के बैनर तले एकजुट रहकर यूएफ बीयू एवं श्रमिक संगठनों की एकता को मजबूत करेंगे,बैंक कर्मचारियों के हितों को बढ़ावा देने के लिए सभी संघर्षों के लिए तैयार रहेंगे, नौकरियों तथा नौकरी की सुरक्षा पर होने वाले हमलों के विरुद्ध संघर्ष करेंगे, सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकिंग की रक्षा करेंगे, ग्राहक सेवा को और बेहतर बनाकर बैंक के ग्राहकों को बेहतर, त्वरित एवं उत्तम ग्राहक सेवा प्रदान करेंगे, निजीकरण तथा अन्य कथित बैंकिंग सुधारों का विरोध करेंगे, मजदूर विरोधी श्रम सुधारों को रद्द कराने के लिए अन्य श्रमिक संगठनों के साथ मिलकर संघर्ष करेंगे, लोगों के लिए बैंकिंग को मौलिक अधिकार के रूप में प्राप्त करने के लिए संघर्ष करेंगे, जीवंत भारत बनाने के लिए जीवंत बैंकिंग नीतियों की लंबित मांग के निराकरण के लिए संघर्ष करेंगे, मजदूर वर्ग के साथ एकजुटता बनाए रखेंगे,इंसान के द्वारा इंसान के शोषण की व्यवस्था के खिलाफ संघर्ष करेंगे, एक मजबूत, आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था के लिए संघर्ष करेंगे, बैंकों के खराब ऋणों की वसूली के लिए कठोर एवं कारगर कदम उठाने की मांग के लिए संघर्ष करेंगे, बैंकों में जमा धन आम आदमी का है इसकी रक्षा के लिए सजग रहेंगे,बैंक कर्मियों की लंबित मांगों के निराकरण के लिए संघर्ष करेंगे।
सभा में वी के शर्मा,मोहम्मद नजीर कुरेशी, दीपक रत्न शर्मा, जे पी झवर, गुणशेखरन, अशोक पंचोली, जे पी दुबे, भगवान स्वरूप कुशवाहा, एम एस जयशंकर, रमेश सिंह,सत्येंद्र चौरसिया, किशन खैराजानी, बाबूलाल राठौर ,देवेंद्र खरे ,राजीव उपाध्याय, जे डी मलिक, योगेश मनुजा, संतोष मालवीय, कैलाश माखीजानी, महेश छावरिया राशि सक्सेना, शिवानी शर्मा, सरिता साहू, मोहन कल्याणे, सतीश चौबे,महेंद्र गुप्ता, सुदेश कल्याणे, गोपाल राठौर, अमित गुप्ता, खालिद सिद्दकी, जीत नागर,अमोल अचवाल , वैभव गुप्ता,रामकुमार साहू, अनुपम त्रिवेदी, मनोज श्रीवास, कैलाश वासवानी, राम चौरसिया ,विवेक मालवीय, रोशन मिंज, शैलेश वानखेड़े, राज भारती, मनीष गुरनानी, देव सोनगरा , रामू टेकम, जयपाल, आदित्य श्रीवास्तव, ललित, दीपक निगम ,अनिल जैन, निखिल कल्याणी, जितेंद्र महावर, राजेश विश्वकर्मा, विनय नेमा, शाहिद खान, रितेश शर्मा, इमरत लाल, शैलेंद्र नरवरे, उमेश शाक्या,अमित प्रजापति, किशोर सिंह,रेणु वासवानी, सृष्टि जैन, रश्मि पांडे, किरण ठाकुर, विजयपाल, रवि ठाकुर, अनिल यादव, अनिल गढ़वाल, विनय सक्सेना, प्रदीप बघेल, कृष्णा पांडे , कमलेश वरमैया, अमित खत्री, संदीप दल्वी, जीतू लिखार, आनंद लिखार, शैलेंद्र शीतल,सनी शर्मा, रोहित चिंघारियां, अनिल मारोती, कैलाश पतकी, वी सी गौर, आनंद गोखले, आदि उपस्थित थे।
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