Skip to main content

तनाव भरे समय में आनंद की अत्यधिक आवश्यकता है - आनंद स्वामी

उज्जैन राज्य आनंद संस्थान, उज्जैन इकाई द्वारा आनंद ग्राम ढेंडिया इंदौर रोड पर आयोजित होटल प्रधान पैलेस में आयोजित एक दिवसीय अल्पविराम कार्यक्रम में मुख्य अतिथि स्वामीनारायण संप्रदाय के प्रमुख आचार्य आनंद स्वामी ने कहा कि "जिनके सिद्धांत अमीर होते है उनका चरित्र कभी गरीब नहीं हो सकता, व्यक्ति की पहचान नाम से होती हैं परंतु याद व्यवहार से किया जाता है। आज के तनाव भरे समय में आनंद की अत्यधिक आवश्यकता है।" समारोह की अध्यक्षता आनंद विभाग के जिला समन्वयक डॉ. प्रवीण जोशी ने की । विशेष अतिथि शनि मंदिर के गादीपति श्री शैलेंद्र गुरु जी एवम श्री महाकाल मंदिर प्रबन्ध समिति के सदस्य श्री राजेंद्र शर्मा गुरु ने की। स्वस्तिवाचन आनंदम सहयोगी डॉ. ललित नागर ने किया। अतिथि स्वागत सरपंच श्रीमति सावित्री बाई पोरवाल, नरेंद्र पोरवाल, विजय खांडेकर, हरिओम पोरवाल ने शाल, श्रीफल, साफ़ा पहनाकर किया। अल्पविराम परिचय कार्यशाला की जानकारी देते हुए डॉ. प्रवीण जोशी ने कहा कि खुशी के लिए बहुत कुछ इकठ्ठा करना पड़ता है ऐसा हम समझते है किंतु हकीकत में खुशी के लिए बहुत कुछ छोड़ना पड़ता है।


विशेष अतिथि शैलेंद्र गुरु ने कहा कि पानी और रिश्ते एक समान है दोनों का ना रंग है ना रूप है, फिर भी जीने के लिए बेहद महत्व पूर्ण है पानी और रिश्ते आनंद का प्रतीक है। पंडित राजेंद्र शर्मा गुरु ने कहा कि यदि पद और पैसा ही आपकी संपत्ति है तो एक दिन इसका अंत है और यदि मान और सम्मान आपकी सम्पति है तो यह आनंद अनंत है। उन्होंने उज्जैन के आनंदको की प्रशंसा में कहा कि, उज्जैन के सभी आनंदक कर्मवीर है और कर्मवीर जीत हार की परवाह नहीं करते, बल्कि अपने लक्ष्य को लेकर लगातार पुरुषार्थ करते हैं। कार्यशला का संचालन करते हुए स्वामी मुस्कुराके शैलेंद्र व्यास ने अपनी चुटिली शैली में कहा कि आज के समय में सुख का, आनंद का मतलब सिर्फ इतना है कि आप डॉक्टर एवम वकील को ना खोजे और पुलिस आपको ना खोजे।

अतिथि द्वारा श्रेष्ठ कार्य करने पर डॉ. प्रवीण जोशी एवम स्वामी नाथ पांडे का अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर सक्रिय आनंदम सहयोगी श्री अंकित शर्मा, श्री राजेश शर्मा, श्री उदय सिंह पंड्या, सुश्री रंजना मालवीय, जितेंद्र मालवीय , श्री मति ममता कटारिया , श्री राजेश तिवारी, श्रीमति श्वेता श्रीवास्तव, श्रीमति सरिता वासेन, श्रीमति प्रतिभा तिवारी, डॉ. वी.के. सक्सेना, आनंदग्राम के ग्राम सचिव श्री रामेश्वर चौहान, सहायक सचिव श्री हेमंत पोरवाल, श्री बाबूलाल पोरवाल, श्री राहुल जायसवाल सहित ग्राम पंचायत के पंच सरपंच और बड़ी संख्या में आनंदक उपस्थित थे।

Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती हैं। उनकी कहानियों में आधुनिक जीवन का कोई-न-कोई विशिष्

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं