अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के अन्तर्गत राष्ट्रीय मातृशक्ति सम्मान समारोह, फाग उत्सव एवं काव्य गोष्ठी सम्पन्न
नारी : कल, आज और कल पर केंद्रित राष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न
मुख्य अतिथि प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा ने कहा कि नारी सृष्टि की सर्जक और संरक्षणकर्ता दोनों है। प्राचीन काल में माता के नाम पर संतान के नामकरण के कई उल्लेख मिलते हैं। अनेक ऋषिकाओं ने वैदिक संस्कृति के प्रसार में योगदान दिया। मध्यकालीन संकट के दौर में नारी के समक्ष कई चुनौतियां उपस्थित हुईं। पुनर्जागरण और राष्ट्रीय आंदोलन के दौर में नारी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे शिक्षा और विभिन्न सेवाओं में प्रभावी योगदान दे रही हैं। व्यापक विकास के बावजूद वर्तमान दौर में भारतीय समाज को नारी से जुड़ी जड़ मानसिकता और रूढ़ियों से मुक्त होना होगा।
नारी : कल, आज और कल पर केंद्रित संगोष्ठी की मुख्य अतिथि श्रीमती ज्योति जैन, विशिष्ट अतिथि डॉ. अलका भार्गव, श्रीमती कंचन तारे, डॉ. नीना शर्मा तथा अध्यक्ष श्रीमती सुवर्णा जाधव, विशिष्ट वक्ता श्रीमती संगीता केसवानी, आशा जाखड़, वक्ता डॉ. योगिता मेनन, डॉ. अपराजिता शर्मा एवं सीमा पालीवाल रही। इस अवसर पर भारतमाता राष्ट्र रत्न अलंकरण से डॉ. अपराजिता शर्मा रायपुर, श्रीमती पुष्पा गरोठिया, भोपाल डॉ. नीना शर्मा नाथद्वारा एवं श्रीमती सुवर्णा जाधव पुणे को अतिथियों एवं शिक्षक संचेतना के पदाधिकारियों ने शॉल ओढ़ाकर अभिनंदन पत्र देकर सम्मानित किया गया।

समारोह में अतिथि परिचय डॉ. प्रभु चौधरी राष्ट्रीय महासचिव ने दिया। शुभारम्भ सत्र का सफल संचालन कवयित्री शैली भागवत संयोजक ने किया एवं आभार श्रीमती शिखा काबरा उपाध्यक्ष मप्र ने माना।
समारोह के द्वितीय सत्र में सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. शैलेन्द्रकुमार शर्मा कुलानुशासक विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन, विशिष्ट अतिथि श्री हरेराम वाजपेयी अध्यक्ष हिन्दी परिवार इन्दौर, श्रीमती रत्ना पाण्डे पत्रकार रायपुर, श्रीमती सुनीता श्रीवास्तव, शैली भागवत, डॉ. शिवा लोहारिया, श्रीमती कृष्णा मणिश्री, मनीषा खेर्डेकर, डॉ. शेख शहेनाज अहेमद पुणे एवं कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री ब्रजकिशोर शर्मा ने देश के विभिन्न भागों से आईं महिला संस्कृतिकर्मियों और साहित्यकारों को अंग वस्त्र, सम्मान पत्र एवं स्मृति चिह्न अर्पित कर उन्हें सम्मानित किया।

यह जानकारी देते हुए प्रदेश प्रवक्ता डॉ. कृष्णा जोशी ने बताया कि समारोह के प्रारम्भ में अतिथि परिचय सुश्री प्रतिमासिंह ने एवं स्वागत भाषण डॉ. प्रभु चौधरी ने दिया। इस अवसर पर अतिथियों द्वारा पुस्तकों का विमोचन किया गया। इनमें डॉ. शेख शहेनाज नांदेड की श्रीराम कथा के विविध परिदृश्य एवं श्रीमती रचना श्रीवास्तव की जुगनू की तरह सम्मिलित थीं। अतिथियों के उद्बोधन पश्चात देश के राज्यों बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश की 55 महिलाओं को शिक्षा, साहित्य एवं समाजसेवा के लिए माँ अहिल्यादेवी, सावित्री बाई फुले, महादेवी वर्मा, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, पन्ना धाय, जीजाऊ माँ आदि से सम्मानित करते हुए अभिनंदन पत्र प्रदान किये। समारोह में अतिथियों को स्मृति चिन्ह राष्ट्रीय महासचिव डॉ. प्रभु चौधरी, संयोजक शैली भागवत, समारोह अध्यक्ष गीता बिल्लौरिया, उपाध्यक्ष डॉ. योगिता मेनन, श्रीमती शिखा काबरा, सचिव सीमा पालीवाल, प्रवक्ता डॉ. कृष्णा जोशी, डॉ. अरूणा सराफ आदि ने प्रदान किये। पुस्तकों की समीक्षा शैली भागवत एवं संगीता केसवानी ने प्रस्तुत की। समारोह का संचालन राष्ट्रीय सचिव संगीता केसवानी ने एवं आभार अध्यक्ष गीता बिल्लौरिया ने माना।
राष्ट्रीय काव्य गोष्ठी एवं फाग उत्सव के मुख्य अतिथि श्री हरेराम वाजपेयी, विशेष अतिथि सुवर्णा जाधव, डॉ. अपराजिता शर्मा, डॉ. प्रभु चौधरी, शैली भागवत, शिखा काबरा, डॉ. शहेनाज शेख तथा अध्यक्षता डॉ. प्रभु चौधरी ने की। संगोष्ठी का संचालन ओज रस की युवा कवयित्री सुश्री प्रतिमासिंह ने एवं आभार संगीता केसवानी ने माना। काव्य गोष्ठी में हास्य रंग की कविताएँ 25 महिलाओं एवं अतिथियों ने प्रस्तुत की है।
माँ अहिल्यादेवी मातृशक्ति सम्मान श्रीमती कृष्णा मणिश्री पटना, लक्ष्मीप्रिया इन्दौर, किरण पोरवाल उज्जैन, ज्योतिसिंह ठाकुर इन्दौर, सविता इंगले पुणे, सीमा पालीवाल इन्दौर, शीतल राघव देवास, वंदना पुणतांबेकर, डॉ. कृष्णा जोशी, डॉ. अरूणा शराफ, अर्चना गौड, सरस्वती धनेश्वरी, अनिता जाखड, ब्रजबाला गुप्ता, दीपिका मावर, ज्योति चौहान मंदसौर, सुश्री हेमलता वराडे, रत्ना पाण्डे, डॉ. पूजा यादव, दिव्या मेहरा, कल्पना शाह, प्रतिभा भट्ट, दीपमाला गुप्ता, डॉ. निशा महाराणा, मीना श्रीवास्तव प्रदान किया गया।
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