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देश की नई पहचान बनेगा उज्जैन साहित्य महोत्सव - सांसद श्री फिरोजिया

दो दिवसीय उज्जैन साहित्य महोत्सव का शुभारंभ हुआ

उज्जैन साहित्य महोत्सव के चार सत्रों में हुआ साहित्य के परिदृश्य पर विमर्श, रचना पाठ, लेखक से संवाद और अखिल भारतीय कवि सम्मेलन

कृष्ण बसंती शैक्षणिक एवं सामाजिक जनकल्याण समिति, उज्जैन द्वारा अक्षर वार्ता अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिका, विक्रम विश्वविद्यालय, महर्षि पाणिनि संस्कृत वैदिक विश्वविद्यालय, उज्जैन द्वारा दो दिवसीय उज्जैन साहित्य महोत्सव का शुभारंभ दिनांक 25 मार्च 2023 को अभिरंग नाट्यगृह, कालिदास अकादेमी, उज्जैन में हुआ। मुख्य अतिथि उज्जैन - आलोट संसदीय क्षेत्र के सांसद श्री अनिल फिरोजिया थे। प्रारंभ में विशिष्ट अतिथि पूर्व राज्य मंत्री दर्जा श्री योगेंद्र महंत, मध्यप्रदेश शासन, वरिष्ठ पत्रकार एवं पूर्व राज्यमंत्री दर्जा श्री रमेश शर्मा, वरिष्ठ ललित निबंधकार श्री नर्मदा प्रसाद उपाध्याय, भारतीय उच्चायोग सुवा फिजी के वरिष्ठ अधिकारी श्री आशुतोष द्विवेदी, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक, कुलानुशासक प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा, सहायक पुलिस महानिरीक्षक डॉ नितेश भार्गव एवं अक्षर वार्ता शोध पत्रिका के संपादक डॉ मोहन बैरागी ने दीप दीपन कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। साहित्य महोत्सव में साहित्य की विविध विधाएं और आज के सरोकार विषय पर विमर्श, रचना पाठ, लेखक से संवाद, अखिल भारतीय कवि सम्मेलन और खुला मंच कार्यक्रम हुए। कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिका अक्षर वार्ता तथा हजारीबाग के डॉ परीक्षित लायेक की पुस्तक एन इंट्रोडक्शन टू चाइल्ड डेवलपमेंट एंड चाइल्ड साइकोलॉजी का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया।

उद्घाटन अवसर पर सांसद श्री अनिल फिरोजिया ने कहा कि भारतीय संस्कृति को नष्ट करने के लिए अनेक आक्रमण हुए, किंतु इस देश ने पूरी दुनिया को वसुधैव कुटुंबकम् के माध्यम से बांधकर रखा। इस देश ने धर्म और विज्ञान को जोड़कर देखा है। नए दौर में योग को विश्व स्तर पर महिमा मिली है। उज्जैन साहित्य महोत्सव इस देश की नई पहचान बनेगा।


वरिष्ठ ललित निबंधकार श्री नर्मदा प्रसाद उपाध्याय, इंदौर ने कहा कि साहित्य और कला की दृष्टि समग्रता की दृष्टि है। साहित्य की विभिन्न विधाओं और कला रूपों के मध्य संवाद आज की आवश्यकता है। साहित्य महोत्सव उज्जैन को नए दौर में सांस्कृतिक जगत में स्थापित करने का सार्थक उपक्रम सिद्ध होगा। श्री उपाध्याय ने व्यक्ति व्यंजक और ललित निबंध के स्वरूप की व्याख्या करते हुए कहा कि मानव रचित सौंदर्य ललित है। उन्होंने अपने निबंध बिन गाए गीत का पाठ करने के साथ ही लेखक से संवाद कार्यक्रम में भाग लिया।

साहित्यकार एवं सुवा, फिजी स्थित भारतीय उच्चायोग के वरिष्ठ अधिकारी श्री आशुतोष द्विवेदी ने कहा कि साहित्य के प्रसार में पाठक और श्रोता की रचनात्मक भूमिका होती है। साहित्य महोत्सव लेखकों के साथ संवाद का महत्वपूर्ण अवसर साहित्य रसिकों को प्रदान करता है। पूर्व राज्य मंत्री दर्जा प्राप्त वरिष्ठ पत्रकार श्री रमेश शर्मा, भोपाल ने कहा कि जब से सृष्टि का निर्माण हुआ है नकारात्मक और सकारात्मक शक्तियां साथ-साथ रही हैं। भारतीय संस्कृति और इतिहास ने इस बात पर बल दिया है कि जन्म और जाति श्रेष्ठ नहीं है, कर्म श्रेष्ठ है। स्वतंत्रता आंदोलन के दौर में अनेक पत्रकारों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। आज देश के लिए सब कुछ न्यौछावर करने वाले पत्रकारों और साहित्यकारों को याद करने की आवश्यकता है।

प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि भारतीय मनीषियों ने काव्यत्व की प्रतिष्ठा करने वाले महत्वपूर्ण तत्वों को निगाहों में रखा है। उन्होंने और अकाव्य से काव्य को अलग करने के लिए महत्वपूर्ण संकेत दिए हैं, वर्तमान दौर में उन्हें को चरितार्थ करना आवश्यक है। लोक परंपराओं में साहित्य एवं कलाओं की आवाजाही निरंतर चलती आ रही है।

कार्यक्रम में पूर्व राज्यमंत्री दर्जा मध्यप्रदेश शासन श्री योगेंद्र महंत एवं कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक ने भी विचार व्यक्त किए। उद्घाटन सत्र के बाद आयोजित दो विमर्श सत्रों में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ शिव चौरसिया, श्री नर्मदा प्रसाद उपाध्याय इंदौर, प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा, लघुकथाकार श्री संतोष सुपेकर व्यंग्यकार डॉ पिलकेन्द्र अरोरा, प्रतीक सोनवलकर, डॉ हरीश कुमार सिंह, डॉ तुलसीदास परोहा, प्रो प्रेमलता चुटैल, डॉ शुभम शर्मा, डॉ अखिलेश द्विवेदी, सुश्री तृप्ति मिश्रा महू, डॉ अखिलेश द्विवेदी, डॉ भेरूलाल मालवीय, शाजापुर, डॉ अखिलेश कुमार पांडेय, डॉ शिवानंद मिश्रा आदि ने विचार व्यक्त किए। ओपन माइक सत्र में कवियों ने काव्य पाठ किया। इस अवसर पर अतिथियों को प्रशस्ति पत्र एवं प्रतीक चिन्ह अर्पित कर उन्हें सम्मानित किया गया। अतिथियों का स्वागत प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा, डॉ मोहन बैरागी, ओ पी वैष्णव, सुरेश बैरागी, डॉ रुपाली सारये, डॉ श्वेता पंड्या, डॉ अजय शर्मा आदि ने किया। संचालन डॉक्टर मोहन बैरागी ने किया। अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में कवियों ने किया सरस काव्य पाठ उज्जैन साहित्य महोत्सव के अंतर्गत आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में हास्य कवि श्री संजय खत्री, डॉ श्यामसुंदर पलोड़, इंदौर पंकज प्रजापत, गौतमपुरा, हेमराज राठौड़, खोकर रतलामी, रतलाम, अनुराधा अनु, भुज गुजरात, राजेश लोटपोट, झालावाड़, डॉ मोहन बैरागी, निसार पठान, झाबुआ, निशा पंडित, डॉक्टर भेरूलाल मालवीय, शाजापुर ने कविता पाठ किया। वरिष्ठ कवि श्री अशोक भाटी, दिनेश दिग्गज आदि सहित बड़ी संख्या में साहित्य रसिक उपस्थित थे। कवि सम्मेलन देर शाम तक चला।

26 मार्च को होगी अंतरराष्ट्रीय शोध संगोष्ठी एवं एक्सीलेंस अवार्ड समारोह कृष्ण बसंती रिसर्च / लिटरेचर एक्सिलेंस अवार्ड 2023 तथा भारतीय ज्ञान प्रणाली का योगदान और अनुसंधान में नवाचार पर केंद्रित अंतरराष्ट्रीय शोध संगोष्ठी 26 मार्च 2023 को प्रातः 10:30 से संध्या 5:00 तक होगी। अभिरंग नाट्यगृह, कालिदास संस्कृत अकादेमी, उज्जैन में आयोजित इस कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों के प्रतिभागी भाग लेंगे।

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