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नई दिल्ली में आयोजित सम्मान समारोह में साहित्य भूषण सम्मान से प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा अलंकृत

 इंडिया नेटबुक्स एवं बीपीए फाउंडेशन अवार्ड अलंकरण समारोह में सम्मानित हुए प्रो शर्मा

इंडिया नेटबुक्स एवं बीपीए फाउंडेशन अवार्ड अलंकरण समारोह, नई दिल्ली में समालोचक एवं विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के हिंदी विभागाध्यक्ष एवं कुलानुशासक प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा को साहित्य भूषण सम्मान से अलंकृत किया गया। संस्था द्वारा नई दिल्ली में रविवार, 12 मार्च को दोपहर में आयोजित इस समारोह में देश के प्रतिष्ठित साहित्यकार डॉ प्रेम जनमेजय,  वरिष्ठ  श्री मुकेश भारद्वाज, वरिष्ठ लेखक डॉ संजीव कुमार, नई दिल्ली एवं डॉ राजेन्द्र मोहन शर्मा, जयपुर द्वारा प्रो शर्मा को जनकदुलारी मिश्रा साहित्य भूषण सम्मान अर्पित किया गया। सम्मानस्वरूप अतिथियों ने उन्हें प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिह्न, शॉल, श्रीफल एवं साहित्य भेंट किया। आयोजन की मुख्य अतिथि वरिष्ठ कथाकार श्रीमती चित्रा मुद्गल, महेश दर्पण, नई दिल्ली, डॉ प्रताप सहगल, डॉ बीना शर्मा, आगरा आदि उपस्थित थे। प्रशस्ति पत्र का वाचन रणविजय राव ने किया। कार्यक्रम का संचालन व्यंग्यकार लालित्य ललित एवं डॉ पूनम मटिया, नई दिल्ली ने किया।  

समीक्षा एवं अनुसंधानपरक लेखन में पिछले तीन दशकों से अधिक समय से निरंतर सक्रिय प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा ने साहित्य, भाषा, लिपि, शिक्षा और लोक संस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। उन्होंने शब्दशक्ति सम्बन्धी भारतीय और पाश्चात्य अवधारणा तथा हिन्दी काव्यशास्त्र, हिंदी कथा साहित्य, देवनागरी विमर्श, मालवा का लोकनाट्‌य माच और अन्य विधाएं, हिन्दी भाषा संरचना, प्राचीन एवं मध्यकालीन काव्य, मालवसुत पं सूर्यनारायण व्यास, हिंदी – भीली अध्येता कोश, सिंहस्थ विमर्श, स्त्री विमर्श : परंपरा और नवीन आयाम, मालवी भाषा और साहित्य, अवन्ती क्षेत्र और सिंहस्थ महापर्व, महात्मा गांधी : विचार और नवाचार, आचार्य नित्यानंद शास्त्री और रामकथा कल्पलता,  मालव मनोहर आदि सहित निबंध, आलोचना, भाषाशास्त्र, लोक भाषा, लोक संस्कृति आदि विषयों पर पैंतीस से अधिक ग्रन्थों का लेखन एवं सम्पादन किया है। 

शोध पत्रिकाओं और ग्रन्थों में उनके 400 से अधिक शोध एवं समीक्षा निबंधों तथा प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में 800 से अधिक कला एवं रंगकर्म समीक्षाओं का प्रकाशन हुआ है। प्रो शर्मा ने थाईलैंड, ऑस्ट्रेलिया, मॉरीशस एवं म्यांमार की अकादमिक यात्राएँ की हैं।

डॉ शर्मा ने साहित्य, भाषा, लिपि, और लोक संस्कृति से जुड़ी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर की सैकडों संगोष्ठियों, व्याख्यानमाला और कार्यशालाओं में व्याख्यान, शोध प्रस्तुति एवं समन्वय किया है। उन्हें पूर्व में अर्पित किए गए महत्वपूर्ण एवं ख्यात सम्मान और पुरस्कार हैं :  आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी सम्मान, म. प्र. लेखक संघ, भोपाल द्वारा हिन्दी समीक्षा के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान के लिए डॉ. संतोष तिवारी समीक्षा सम्मान, राष्ट्रीय कबीर सम्मान, हिंदी सेवी सम्मान,  भाषा- भूषण सम्मान, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार, आचार्य विनोबा भावे राष्ट्रीय नागरी लिपि सम्मान, अक्षर आदित्य सम्मान, आलोचना भूषण सम्मान, अभिनव शब्द शिल्पी अलंकरण, साहित्य सिंधु सम्मान, विश्व हिन्दी सेवा सम्मान आदि।

इस महत्वपूर्ण सम्मान के लिए अनेक शिक्षाविद्, संस्कृतिकर्मी और साहित्यकारों ने हर्ष व्यक्त कर प्रो शर्मा को बधाई दी। 


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