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उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.यादव के मुख्य आतिथ्य में विक्रम विश्वविद्यालय का 27वाँ दीक्षान्त समारोह सम्पन्न हुआ

विक्रम विश्वविद्यालय के दीक्षान्त समारोह का आयोजन अब हमेशा चैत्र शुक्ल प्रतिप्रदा पर ही किया जायेगा - मंत्री डॉ.यादव

उज्जैन 22 मार्च। बुधवार को मध्य प्रदेश शासन के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य में विक्रम विश्वविद्यालय के 27वें दीक्षान्त समारोह का आयोजन कोठी रोड स्थित स्वर्ण जयन्ती सभागार माधव भवन प्रशासनिक परिसर में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के सारस्वत अतिथि नीति आयोग के सदस्य एवं जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली के कुलाधिपति डॉ.विजय कुमार सारस्वत थे। इसके अतिरिक्त बतौर विशिष्ट अतिथि सांसद श्री अनिल फिरोजिया, विधायक श्री पारस जैन, महापौर श्री मुकेश टटवाल और वरिष्ठ शिक्षाविद मुम्बई के डॉ.मिलिन्द मराठे कार्यक्रम में शामिल हुए।

कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने के पश्चात अतिथियों की मुख्य द्वार पर आगवानी की गई। इसके पश्चात अतिथियों द्वारा दीक्षान्त शोभायात्रा में सहभागिता की गई। साथ ही सामूहिक चित्रांकन भी सम्पन्न हुआ। सभाकक्ष में आगमन के पश्चात अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारम्भ किया गया। तत्पश्चात राष्ट्रगान और विश्वविद्यालय का कुलगान गाया गया। कार्यक्रम में स्वागत भाषण विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.अखिलेश कुमार पाण्डेय ने दिया। इसके पश्चात समस्त अतिथियों का सम्मान शाल, तुलसी पौधे और स्मृति चिन्ह भेंटकर किया गया।

उल्लेखनीय है कि उक्त 27वे दीक्षान्त समारोह में वर्ष 2022 के पीएचडी उपाधिधारकों को डिग्री एवं 2022 की स्नातक परीक्षाओं की प्रावीण्य सूची में प्रथम स्थान प्राप्त विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक अतिथियों द्वारा प्रदाय किये गये। इनमें 124 पीएचडी उपाधि प्राप्तकर्ता, 31 स्नातक और 53 स्नातकोत्तर स्तर के गोल्ड मेडलिस्ट शामिल थे। 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ.मोहन यादव ने इस अवसर पर कहा कि आज हम सबके लिये अत्यन्त हर्ष और गौरव का क्षण है कि हम विक्रम विश्वविद्यालय के दीक्षान्त समारोह के गौरवशाली क्षण के साक्षी बन रहे हैं। पुराण, इतिहास तथा साहित्य के ग्रंथों में उज्जैन के गौरवशाली अतीत एवं धार्मिक, साहित्यिक और सांस्कृतिक महत्व का विभिन्न रूपों में अनेक बार गरिमापूर्ण ढंग से उल्लेख हुआ है। प्राचीनकाल से ही उज्जैन को कालगणना के लिये मानक माना जाता था। उज्जैन खगोलीय गणना का केन्द्र था। आज चैत्र शुक्ल प्रतिपदा गुड़ी पड़वा है। मंत्री डॉ.यादव ने अपनी ओर से नव संवतसर की सभी को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि आज उज्जैन का गौरव दिवस भी है। अब से विक्रम विश्वविद्यालय का दीक्षान्त समारोह हमेशा नववर्ष प्रतिपदा पर ही आयोजित किया जायेगा। मंत्री डॉ.यादव ने पीएचडी उपाधि प्राप्तकर्ताओं और गोल्ड मेडल प्राप्त विद्यार्थियों को अपनी ओर से उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी।

सांसद श्री अनिल फिरोजिया ने कहा कि महाराजा विक्रमादित्य भारतवर्ष की एक ऐसी विभूति थे, जिन्होंने विदेशी आक्रांताओं को परास्त कर अपना संवत चलाया था। शिक्षा भूमि की पारम्परिक विरासत से जुड़े उज्जैन नगर में प्राचीन और अद्यतन ज्ञान-विज्ञान की विविध शाखाओं के अध्ययन-अध्यापन और अनुसंधान के लिये विक्रम विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद समस्त अतिथियों और विद्यार्थियों को नव संवतसर की बधाई दी। साथ ही उपाधि प्राप्तकर्ताओं के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि सभी विद्यार्थी जीवन में अपना लक्ष्य निर्धारित करें और पूर्ण ईमानदारी और लगन के साथ परिश्रम करें तथा सफलता प्राप्त करें।

विधायक श्री पारस जैन ने इस अवसर पर कहा कि शिप्रा के पवित्र तट पर बसे हमारे उज्जैन में भगवान श्रीकृष्ण के द्वारा विद्याध्ययन किया गया था। महर्षि सान्दीपनि के गुरूकुल का यह पुरातन क्षेत्र आज भी जन-जन की आस्था का केन्द्र है, जहां स्वयं जगदगुरू ने शिक्षा पाई थी। श्री जैन ने अपनी ओर से नव संवतसर, उज्जैन के गौरव दिवस की सभी को बधाई दी। साथ ही विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

कार्यक्रम में डॉ.विजय कुमार सारस्वत और डॉ.मिलिन्द मराठे के द्वारा उद्बोधन दिया गया। इसके पश्चात कुलपति के द्वारा विद्यार्थियों को शपथ ग्रहण करवाई गई। कार्यक्रम का संचालन और आभार प्रदर्शन विक्रम विश्वविद्यालय के कुल सचिव डॉ.प्रशांत पुराणिक ने किया।





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