शिक्षा सिर्फ जानकारी देना नहीं, वह तभी सार्थक जब व्यक्ति को वातावरण के अनुकूल ढलना सिखाये - कुलपति प्रो पांडेय
महत्त्वपूर्ण संगोष्ठी में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला कुलपति प्रो पांडेय ने
राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर माता गुजरी महाविद्यालय, जबलपुर द्वारा आयोजित एक दिवसीय महत्त्वपूर्ण संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति की चुनौती एवं संभावनाएं विषय पर व्याख्यान देते हुए, इसके विभिन्न पहलुओं को स्पष्ट किया।
मातागुजरी महाविद्यालय, जबलपुर द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आयोजित एक दिवसीय संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति की चुनौती एवं संभावनाएं विषय पर विशिष्ट व्याख्यान देते हुए, इसके विभिन्न पहलुओं को समझाया।
अपने व्याख्यान में कुलपति प्रो पांडेय ने कहा कि प्राचीन भारत के समय से ही शिक्षा का उद्देश्य केवल शास्त्रों का ज्ञान देना नहीं था, अपितु व्यक्ति को उचित-अनुचित में भेद करते हुए वातावरण के अनुसार खुद को परिवर्तित करना सीखाने का था। अपनी बात को बढ़ाते हुए उन्होंने कहां कि नई शिक्षा नीति एसेस, इक्यूटी और क्वालिटी जैसे मूल्यों पर आधारित है। इन्हें पूरा करने के लिए यह आवश्यक है कि शैक्षणिक संस्थान अपने आप में उचित बदलाव करें और खुद को और अधिक प्रयोगधर्मी बनाएँ। उन्होंने यह भी बताया कि विक्रम विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मुख्य उदेश्यों को अंगीकृत करने वाले प्रदेश के प्रथम विश्वविद्यालयों में से एक है। उन्होंने यह भी कहा कि विक्रम विश्वविद्यालय ने सफलतापूवक यू. एन. द्वारा दिए गए सस्टेनेबल डेवलपमेंट के 17 गोल्स में से कई को सफलतापूवक अंगीकृत किया है। आने वाले समय में विक्रम विश्वविद्यालय माता गुजरी महाविद्यालय, जबलपुर के साथ मिल कर शिक्षा के स्तर को बेहतर करने वाले कई स्तंभ, जैसे छात्र विनिमय कार्यक्रम, कृषि एवं स्वास्थ्य में नई तकनीकों का उपयोग एवं शिक्षा में नवाचार जैसे विषयों को आगे बढ़ने के लिए तत्पर रहेगा।
कुलपति प्रो पांडेय के वक्तव्य की सराहना करते हुए विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर प्रशांत पुराणिक ने बताया कि विक्रम विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कई पहलुओं को अपनाया है और शिक्षा को नए आयामों तक ले जाने का प्रयास किया है। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने कहा कि विक्रम विश्वविद्यालय ने समग्र विकास के लिए राष्ट्रीय नीति के क्रियान्वयन के साथ विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के साथ हुए एम. ओ. यू. का शैक्षिक प्रगति के लिए क्रियान्वयन अत्यंत आवश्यक है।
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