राष्ट्रीय शिक्षक संघ चेतना के महासचिव डॉक्टर प्रभु चौधरी उज्जैन को देवनागरी लिपि तब से अब तक पुस्तक हिंदी व मराठी में संपादन के फल स्वरुप विद्योत्तमा फाउंडेशन नासिक महाराष्ट्र ने सम्मानित किया।
अंतरराष्ट्रीय संगठन जो प्रतिवर्ष नवीन साहित्यिक पुस्तकों पर विद्योत्तमा साहित्य सारथी सम्मान प्रदान करता है । विद्योत्तमा साहित्य सारथी सम्मान के लिए इस वर्ष पूरे देश से 30 साहित्यकारों की पुस्तकों का चयन वरिष्ठ साहित्यकारों द्वारा किया गया जिसमें डॉ प्रभु चौधरी की पुस्तक दुसरा स्थान प्राप्त हुआ ।
नासिक के भव्य समारोह में मुख्य अतिथि डीडी केसवानी, विशिष्ट अतिथि डॉ राजेश सक्सेना, श्रीमती लता सिंघल एवं अध्यक्ष श्री सुबोध मिश्रा द्वारा डॉ चौधरी को अभिनंदन पत्र स्मृति चिन्ह एवं 5001 रुपए का चेक अतिथियों द्वारा प्रदान किया गया।
समारोह में लब्ध प्रतिष्ठित कवि एवं साहित्यकार जिसमें भोपाल के श्री राजेंद्र गट्टानी, नागपुर के श्रीमती पूर्णिमा रिचा लता सिंघल, मुंबई की परमिता उज्जवला, जगताप सुनीता माहेश्वरी, पूनम ढिल्लन, रचना भारती, राधा सिंह, अनीता दुबे, सुधा झाला, राजेश पुराणिक आदि उपस्थित रहे।
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