पत्र प्रधानमंत्री जी के नाम – महाकाल लोक उज्जैन और मुलभुत सेवाओं में सुधार विषयक, जिससे एन आर आई का विश्वास भारत जीत सके।
माननीय प्रधान मंत्री जी
सादर जय श्री क्रष्णा/जय श्री महाकाल
आपके द्वारा विभिन्न धार्मिक स्थानों की सेवाओं में निरन्तर सुधार किया जा रहा है। आपको साधुवाद, धन्यवाद ।
पूरा प्रशासन अपनी पीठ थपथपाने में लगा है। किन्तु प्रशासन आम व्यक्ति की मुलभुत सेवाओ के सुधार पर ईमानदारी से ध्यान कब देगा ? सभी जगह कही न कही सेवाओ की कमी है ।
हम विदेशी बंधुओ के लिए भारत के द्वार खोलना चाहते है। किन्तु निम्न असुविधा/ सेवाओ पर किसी का ध्यान नही है ।
निम्न पर आपका ध्यानाकर्षण आवश्यक है -
(1) उज्जैन की लोक परिवहन सेवा सबसे बेकार है यहा लुट मची हुई है ऑटो रिक्शा, टैक्सी आदि सभी के मनमाने दाम है। सिटी बस बंद है। प्रशासन केवल फार्मालिटी करता है. लोक परिवहन सुधार पर कोई सख्ती नही है।
(2) मंदिर स्थल के आसपास एवं पुरे नगर में बड़ते होटलों का निर्माण चिंतनीय है कोई रूल्स रेगुलेशन नही है। प्रशासन द्वारा इनके लिए निश्चित नियम हो। हर धर्मशाला एवं होटल का पंजीयन होकर उसकी जानकारी प्रशासन की अधिक्रत वेबसाईट/मोबाइल एप्लीकेशन पर हो जिससे किसी भी विदेशी/देशी पर्यटक के साथ धोका न हो। वर्तमान में होटल के टैरिफ ट्रैफिक के हिसाब से कभी भी बड़ जाते है। हर धर्मशाला और होटल के लिए फिक्स रेट व्यवस्था नही है। हर होटल के प्रवेश पर डायरेक्टर/प्रोपराईटर का स्पस्ट उल्लेख हो एवम रूल्स रेगुलेशन लिखे हो कोई भी हिडन चार्ज या व्यवस्था दंडनीय हो ।
(3) फूड सेफ्टी स्टेंडर्ड नही है । होटल से लगाकर फुटपाथ तक फ़ूड के ठेले स्टाल मिल जायेगे. जहां कोई रेट लिस्ट नही होती. फ़ूड क्वालिटी का प्रमाणन नही मिलता। यहाँ तक की वेज और नानवेज का स्पस्ट उल्लेख नही मिलता।यहाँ का प्रसिद्ध पोहा,जलेबी,कचोरी अनेक होटलों में अखबारी कागज पर मिलता है।
(4) रात्रि में अनके लोग आवारा घूमते मिल जायेगे. शराबी और आवारागर्दी पर कठोर कार्यवाही नही।
(5) अनेक देशो में पर्यटकों के लिए निशुल्क सेवा है जेसे पैकेज कार्ड में फ़ूड, लोक परिवहन आदि सभी शामिल है हमारे यहाँ विदेश से आने वाले पर्यटक सबसे ज्यादा विभिन्न चार्जेस और दुर्व्यवहार का शिकार होते है।
(6) उज्जैन नगर की सबसे बड़ी समस्या ड्रिंकिंग वाटर है।यहाँ शासन द्वारा करोड़ो रुपया बर्बाद किया गया पर आम जनता मिट्टी युक्त गन्दा जल पीने को मजबूर है ।
(7) स्वास्थ्य सेवाओ का स्टैंडर्डराइजेशन नही है।यदि कोई भी देश विदेश का पर्यटक हो उसे स्वास्थ्य सेवाएं पूरी जिम्मेदारी के साथ उपलब्ध हो।शासकीय सेवाओ में रैफरल और चीटिंग न हो ।
(8) विदेशी पर्यटकों के लिए एक ऐसा कार्यालय हो जहॉ उसे अपने देश की भाषा मे सरलता से दुभाषिया मिल सके और उसे सुनिश्चित सेवा मिले।विभिन्न देशों की भाषाओं में जानकारी उपलब्ध हो ।
(9) सड़को पर आवारा कुत्ते,आवारा पशु आम बात है जिससे हर आम व्यक्ति असुरक्षित है।
(10) पार्किंग व्यवस्था का युक्तिकरण,स्टेण्डराईजेशन जरूरी है ।यहाँ हर जगह अलग अलग दरें है ।निर्धारित शुल्क से अधिक वसूला जाता है ।
(11) शहर में भले ही मास्टर प्लान है किन्तु हर जगह बेतरतीब निर्माण हो रहे है ।घरों के बाहर तक गेट/बाउंड्री निकालकर कालोनियों में पार्किंग और व्यवसाय स्थल बनाये जा रहे है ।
(12) शिप्रा नदी में खान का प्रदूषण आम है जो अरबो के खर्च के बाद भी यथावत है।शिप्रा का दर्शन और पर्यटन में महत्व है ।
(13) सरकार द्वारा केवल महाकाल लोक पर ध्यान दिया जा रहा है जबकि पर्यटक अन्य स्थल पर भी जाते है वहाँ की गंदगी और अव्यवस्था अच्छा संदेश नहीं देती ।
(14) महाकाल नगरी में यत्र /तंत्र भिखारियों की भीड़ है जिस पर नियंत्रण जरूरी है शासन और निजी स्तर पर भरपूर भोजन और कपड़ो की सेवाएं उपलब्ध है ।फिर भिखारियों पर नियंत्रण क्यो नहीं। इससे अपराधो को भी प्रश्रय मिलता है ।
(15) सिंहस्थ क्षेत्र(भूमि) में अतिक्रमण आम है जिस पर कोई नियंत्रण नही है ।पूरी तरह राजनीतिक सरंक्षण प्राप्त है ।
(16) उज्जैन धार्मिक और पर्यटक नगरी के लिए निश्चित गाइडलाइन बने और उल्लंघन पर सख्त कार्यवाही हो ।
(17) प्राचीनतम नगरी में प्राकृतिक सौंदर्य स्थलों के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाय ।विशेष रूप से यहाँ अनेक औषधीय पौधे है ।आयुर्वेद और प्राकतिक चिकित्सा सेवा का विशिष्ट प्रकोष्ठ हो।
(18) उज्जैन के योगदान और इतिहास का वृतांत हर जगह उपलब्ध हो ।विक्रमादित्य का योगदान,काल गणना, विक्रम संवत,सम्राट अशोक से जुड़ाव , कालिदास आदि पर भी ध्यान दिया जावे ।
(19) बाजारों का युक्तयुक्त विकास ।जिससे स्थानीय उत्पादों का व्यापार और ब्रांड विकसित हो।
आशा ही नही वरन विश्वास है आप उक्त बिंदुओं पर उचित कार्यवाही के निर्देश प्रदान करेंगे । और की गई कार्यवाही से अवगत कराएंगे ।
(प्रधानमंत्री के नाम पत्र अशोक खण्डेलवाल (संपादक -चिकित्सासंसार) , समाजसेवी, प्रदेश सचिव -राष्ट्रीय मानवाधिकार एसोसिएशन, मोबाइल - 9425092492 / 9399008071 द्वारा वॉट्स्ऐप पर प्रकाशन हेतु भेजा गया था। उसी आधार पर यह खबर प्रकाशित हैं। )
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