उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय के फार्मेसी संस्थान मे चाइना डोर के पूर्ण बॉयकॉट के विषय पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक, डॉ. कमलेश दशोरा ने कहा कि चाइना डोर नायलॉन के मटेरियल से बनी हुई होती है, जो कि पर्यावरण के लिए बहुत ही घातक है,साथ ही साथ इस डोर से पतंग उड़ानें पर यह डोर जानलेवा साबित हो रही है, एवं कई लोगों को इस डोर से शारीरिक हानि हो रही है। और कई जानें जा चुकी है, अतः इसका पूर्ण बहिष्कार ही सही विकल्प है।
कार्यक्रम में एडवोकेट संजय नाहर कार्यपरिषद सदस्य, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। एडवोकेट संजय नाहर जी ने चाइना डोर के नुकसान के बारे में संस्थान के छात्रों को एवं शिक्षकों को संबोधित किया। संजय नाहर लगातार चाइना डोर के बहिष्कार संबंधी अभियान को चला रहे हैं एवं विभिन्न शैक्षणिक एवं सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से इसके पूर्ण बहिष्कार की अपील भी कर रहे हैं। संस्थान के डॉ दर्शन दुबे ने बताया कि चाइना डोर को नष्ट करना भी बहुत कठिन है। एवं इसका उपयोग बिलकुल भी नहीं होना चाहिए। कार्यक्रम के पश्चात् सभी को चाइना डोर के पूर्ण बॉयकॉट की शपथ दिलाई गई। दूसरों को भी इसके बॉयकॉट के विषय में शपथ दिलाई जाए तथा उन्हें जागरूक किया जाए, यह संकल्प लिया गया। इस अवसर पर डॉ नरेंद्र मंडोरिया, डॉ तनु भार्गव, राकेश खांडेकर आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन डॉक्टर धर्मेश सिसोदिया द्वारा किया गया।
शपथ ग्रहण की रूपरेखा डॉक्टर अनीस शेख ने रखी तथा समन्वयन डॉ. प्रवीण खिरवरकर के द्वारा किया गया। इस अवसर पर संस्थान के सभी शिक्षक, विद्यार्थी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
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