Skip to main content

संविधान निर्माताओं ने देश के नवनिर्माण के लिए हमें जो दिशा दी है, उसके लिए सभी तत्पर रहें – कुलपति प्रो पांडेय

विक्रम विश्वविद्यालय में उल्लासपूर्वक मनाया गया गणतंत्र दिवस

विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में गणतंत्र दिवस उल्लासपूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम में कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पाण्डेय ने ध्वजारोहण किया। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि अमर वीरों ने आजादी की मशाल को जलाये रखने के लिए अपना सब कुछ समर्पित कर दिया था। गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर ऐसे असंख्य अमर शहीदों को मैं विश्वविद्यालय परिवार की ओर से हार्दिक श्रद्धा-सुमन अर्पित करता हूँ। हमारे संविधान निर्माताओं ने भारत के संविधान के माध्यम से देश के नवनिर्माण के लिए हमें जो दिशा दी है, उसके लिए सभी लोग तत्पर रहें।


आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर विश्वविद्यालय में अनेक आयोजन किये गए। हम लोग अमृत काल की ओर आगे बढ़ रहे हैं। सामान्य जनता और किसानों से लेकर आदिवासी समुदाय और रणबाकुंरों ने भारत को स्वतंत्रता दिलाने के लिये अपना सब कुछ अर्पित किया। अनेक विद्वानों वैज्ञानिकों, साहित्यकारों और पत्रकारों ने अपना सर्वस्व न्योछावर किया। विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों ने संगोष्ठियों, प्रतियोगिताओं, नृत्य-संगीत आदि के माध्यम से आजादी के अमृत महोत्सव को उल्लास से मनाया। यह सिलसिला अमृत काल तक निरन्तर चलता रहेगा।


विक्रम विश्वविद्यालय विकास के नए सोपानों पर निरंतर गतिशील है। एसओईटी के लिए पूर्व के भवन के पीछे पर्याप्त सुविधा सम्पन्न नवीन भवन का निर्माण करवाया गया। इस वर्ष पीएच.डी उपाधि के लिये प्रवेश परीक्षा का आयोजन जल्द करवाया जाएगा। एंटी प्लैगेरिज्म सॉफ्टवेयर के माध्यम से शोध में गुणवत्ता वृद्धि के व्यापक प्रयास किये जा रहे हैं। छात्रों के लिए 125 कक्ष युक्त नवीन छात्रावास भवन पूर्ण करवा कर उसका संचालन सुचारु रूप से चल रहा है। पूर्व के छात्रावासों का भी संरक्षण एवं जीर्णोद्धार करवाया जा रहा है। विश्वविद्यालय द्वारा अपने संसाधनों से बजट में वर्कशाप, सेमीनार के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। नए पाठ्यक्रमों के अन्तर्गत विधि, कृषि, शारीरिक शिक्षा, विज्ञान, कम्प्यूटर विज्ञान, जीव विज्ञान, कला, समाज विज्ञान, इंजीनियरिंग आदि से जुड़े लगभग दो सौ से अधिक यूजी, पीजी, सर्टिफिकेट, डिप्लोमा पाठ्यक्रम प्रारम्भ किये गये हैं। इनके कारण परिसर में विद्यार्थियों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। वर्तमान सत्र में विभिन्न पाठ्यक्रमों में देश के अधिकांश राज्यों के साथ विदेशों से तीन विद्यार्थियों ने भी प्रवेश लिया है। सीयूईटी के माध्यम से छात्रों ने बड़ी संख्या में प्रवेश लिया।


योजना एवं मूल्यांकन बोर्ड के माध्यम से अनेक नवीन केन्द्र एवं पाठ्यक्रम प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है। विविध ज्ञानानुशासनों से जुड़े इन पाठ्यक्रमों और केन्दों के माध्यम से विद्यार्थियों में व्यावसायोन्मुखी कौशल संवर्धन होगा। विश्वविद्यालय द्वारा इन्क्यूबेशन सेंटर के माध्यम से रोजगार एवं कौशल संवर्द्धन की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास जारी है। स्मार्ट सिटी योजना के अन्तर्गत विश्वविद्यालय के पुरातत्व एवं पाण्डुलिपि संग्रहालय के नवीनीकरण एवं उन्नयन के लिये लगभग 14 करोड़ की राशि स्वीकृत हुई है। इसका भूमिपूजन महामहिम राज्यपाल जी, उच्च शिक्षा मंत्री जी एवं माननीय सांसद जी के करकमलों से संपन्न हुआ है।
विश्वविद्यालय की विभिन्न अध्ययनशालाओं एवं परिसर में सुनियोजित ढंग से वृक्षरोपण एवं संरक्षण का कार्य किया जा रहा है इसमें जन सहयोग भी प्राप्त हो रहा है। विक्रम कीर्ति मंदिर विश्वविद्यालय को पुनः प्राप्त हुआ है, जिसमें विश्वविद्यालय की विविध गतिविधियाँ आयोजित की जा रही हैं। विश्वविद्यालय द्वारा अकादमिक क्षेत्र के 80 से अधिक उत्कृष्ट संस्थानों के साथ एमओयू किये गये हैं। विश्वविद्यालय के अनेक शिक्षकों के द्वारा पेटेन्ट हासिल किये गये हैं। इसी प्रकार अनेक शिक्षकों को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है। आज का दिन गणतंत्र पर्व का उल्लास मनाने के साथ राष्ट्र और समाज के प्रति सम्पूर्ण निष्ठा, त्याग और समर्पण का दिन है। भारत के अमर सेनानियों ने जिस स्वराज्य का सपना देखा है, वह सबके लिए, सभी प्रकार से प्रगति का मार्ग प्रशस्त करने वाला स्वराज्य है। हमारे अमर वीरों ने समाज के हर स्तर पर स्वराज्य को साकार करने का सपना देखा था। हम सबके लिये राष्ट्र सबसे पहले होना चाहिए। आज का यह पर्व इसी भाव को जगाता है। हमें विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश होने का गर्व है।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि कार्यपरिषद सदस्य श्री संजय नाहर थे। प्रारंभ में कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पाण्डेय, कुलसचिव डा प्रशान्त पुराणिक ने सम्राट विक्रमादित्य के मूर्तिशिल्प पर पुष्पांजलि एवं विक्रम तीर्थ सरोवर के जल से अभिषेक किया। एन.सी. सी. की 10 एम.पी. बटालियन विश्वविद्यालय यूनिट के कैडेट्स ने पायलटिंग की। एनसीसी कैडेट्स और राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों द्वारा मार्च पास्ट किया गया।
इस समारोह में खेल, एनसीसी, एनएसएस आदि के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर की स्पर्धाओं में पुरस्कार विजेता छात्र एवं छात्राओं को पुरस्कृत किया गया। विश्वविद्यालय के श्रेष्ठ आचार्यों और कर्मचारियों को विक्रम सम्मान से सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय की अगवानी कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक, डी एस डब्ल्यू डॉ एस के मिश्रा, एन.सी. सी. कैप्टन डा. कानिया मेड़ा आदि ने की। समारोह में विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण, अधिकारीगण, कर्मचारीगण, एन. सी. सी. के अधिकारी, कैडेट्स, रासेयो स्वयंसेवक, विद्यार्थीगण बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

कार्यक्रम का संचालन कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा ने किया।

Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती हैं। उनकी कहानियों में आधुनिक जीवन का कोई-न-कोई विशिष्

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं