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स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, विक्रम विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय युवा दिवस अत्यंत धूमधाम के साथ मनाया गया

स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, विक्रम विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय युवा दिवस अत्यंत धूमधाम के साथ मनाया गया

विवेकानंद के विचारों को, अध्यात्म को आत्मसात करें और अपना जीवन सफल बनाएं - डॉ. बेदिया

अपनी क्षमताओं को पहचाने एवं आत्म जागरण पर ध्यान दें - प्रो. मिश्रा 

स्वामी विवेकानंद ने विश्व में भारत की पहचान करवाई - डॉ. तिवारी 


उज्जैन। स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में राष्ट्रीय युवा दिवस को अत्यंत धूमधाम के साथ मनाया गया ।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में अधिष्ठाता छात्र 
कल्याण संकाय एवं अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एस.के. मिश्रा एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में आईक्यूएसी के नोडल ऑफिसर, विभागाध्यक्ष गणितशाला के डॉ. संदीप तिवारी उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी संस्थान के निदेशक डॉ. डी.डी. बेदिया द्वारा की गई एवं समन्वयक डॉ वी.के.सक्सेना रहे ।

कार्यक्रम का शुभारंभ स्वामी विवेकानंद जी के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया तत्पश्चात संस्थान की छात्राएं खुशी पटेल, अश्विनी पवार द्वारा कुलगान प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग थर्ड सेम के छात्र पुष्पेन्द्र जोशी द्वारा सभी अतिथियों, विद्यार्थियों, व्याख्याताओं एवं कर्मचारियों को सूर्य नमस्कार एवं योग करवाया गया।


कार्यक्रम में स्वागत भाषण एवं स्वामी विवेकानंद के विचार निदेशक डॉ. डी.डी. बेदिया ने प्रस्तुत किए। उन्होंने सभी गणमान्य अतिथियों का परिचय दिया एवं कार्यक्रम में उपस्थित समस्त व्याख्याता, कर्मचारीगण एवं विद्यार्थियों का अभिनंदन किया। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के विचारों का विद्यार्थी जीवन में कितना उपयोग है बताया। जिस तरह स्वामी विवेकानंद ने अपनी अल्पायु में ही भारतवर्ष का नाम पूरे विश्व में गौरवान्वित किया है, उसी तरह हमारी आज की युवा पीढ़ी उनकी तरह अपने विचार रखें एवं विचारों को, दर्शन को, अध्यात्म को आत्मसात करें और अपना जीवन सफल बनाएं।


इस अवसर पर बीटेक फर्स्ट सेम इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कंप्यूटर साइंस की छात्रा हिमांशी चौहान ने अपने वक्तव्य में कहा कि, युवा वह है, जो देश का वर्तमान है और भविष्य को बदलने की ताकत रखता है।

इसी तारतम्य में फर्स्ट ईयर बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कंप्यूटर साइंस के छात्र चिन्मय पश्य ने बताया कि, राष्ट्रीय युवा दिवस क्यों मनाया जाता है और इसको बनाने का क्या उद्देश्य है ।

बीटेक थर्ड सेम इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के छात्र प्रभाकर ने स्वामी विवेकानंद के संस्मरण को सुनाते हुए बताया कि, किस तरह बुद्धि का उपयोग करके हम बड़ी से बड़ी समस्या को भी आसानी से हल कर सकते है।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर एस.के. मिश्रा अधिष्ठाता विद्यार्थी कल्याण विभागाध्यक्ष ने अपने विचारों को व्यक्त किया। जिस तरह स्वामी विवेकानंद ने अपनी क्षमताओं को परख कर वह नरेंद्र से स्वामी विवेकानंद बने। उसी तरह हर छात्र भी उनके जीवन से प्रेरणा लेकर अपनी क्षमताओं को पहचाने एवं आत्म जागरण पर ध्यान दें। भारत की संस्कृति समाज एवं नीतियों से पूरा विश्व लाभान्वित होता रहता था। स्वामी विवेकानंद जी ने मात्र 30 वर्ष की आयु में संपूर्ण विश्व में भारत की गरिमा को पुनर्स्थापित किया। उसी तरह हमें भी अपने उद्देश्य को निर्धारित कर आगे बढ़ते रहना है और तकनीक का उपयोग, विज्ञान एवं जीवन में उतार कर देश एवं सामाजिक हित में कार्य करते रहना है।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि आइक्यूएसी के नोडल ऑफिसर एवं गणित अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि, स्वामी विवेकानंद ने विश्व में भारत की पहचान करवाई। हम सभी के जीवन में गुरु का बहुत महत्व होता है। स्वामी विवेकानंद जी के गुरु रामकृष्ण परमहंस ने उन्हें नरेंद्र से स्वामी विवेकानंद बना दिया। इसी तरह हम भी अपने गुरु से मार्गदर्शन प्राप्त कर धैर्य के साथ निरंतर एक तपस्वी की भांति कार्य कर भविष्य का निर्धारण करें। जिस तरह श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि, हमें सिर्फ कर्म करते रहना चाहिए। फल की चिंता नहीं करना चाहिए उसी तरह हमें भी सकारात्मक रहते हुए अपनी क्षमताओं को, अपनी ऊर्जा को एक अच्छे कार्य के लिए उपयोग करना चाहिए और हमें स्वयं को अनुशासित कर अपने लक्ष्य प्राप्ति में ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इस बार का राष्ट्रीय युवा महोत्सव कर्नाटक के हुबली में आयोजित किया जा रहा है और इस वर्ष की थीम विकसित युवा, विकसित भारत है जिसका अर्थ है कि, अगर हमारे देश का युवा विकसित होगा तो देश का विकास सुनिश्चित है।


कार्यक्रम का संचालन अमृता शुक्ला द्वारा किया गया और उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी के शब्दों से प्रेरणा लेना चाहिए उठो, जागो और तब तक रुको नहीं जब तक कि तुम अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते।

कार्यक्रम में संस्थान के समन्वयक डॉ. वी.के. सक्सेना ने आभार प्रदर्शित करते हुए सभी विद्यार्थियों को स्वामी विवेकानंद के पद चिन्हों पर चलने और सफल जीवन बनाने की प्रेरणा दी और बताया कि, हमारे संस्थान का नाम भी स्वामी विवेकानंद भवन है। इसके पीछे आशय यह है कि हमें निरंतर विवेकानंद जी के जीवन से स्वप्रेरणा लेकर कार्य करते रहना है।

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