उज्जैन। संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार एवं कालिदास संस्कृत अकादमी, उज्जैन के सहयोग से अंकुर रंगमंच द्वारा 23 एवं 24 जनवरी को प्रतिदिन संध्या 6:00 बजे पंडित सूर्यनारायण व्यास संकुल प्रेक्षागृह, कालिदास अकादमी उज्जैन में माच गुरु स्वर्गीय सिद्धेश्वर सेन की याद में दो दिवसीय “मालवा माच महोत्सव” का आयोजन किया जा रहा है। समारोह के निदेशक श्री हफी़ज़ खा़न जी ने बताया कि सेन साहब की 102वे जन्म वर्ष के रूप में उन्हीं की रचनाओं पर केंद्रित इस समारोह का आयोजन किया गया है।


आज से 300 वर्ष पूर्व मालवा की लोकनाट्य परंपरा “तुर्रा-कलंगी” एवं “माच” को बनाए, बचाए एवं इसका लोक व्यापीकरण किया जाना इस समारोह का मुख्य उद्देश्य है। मालवी संस्कृति और परंपरा की पहचान यह लोकनाट्य कला आज लगभग समाप्त हो चुकी है। इसे आम नागरिकों, रंगकर्मियों और बच्चों के साथ जोड़ा जाना नितांत ही आवश्यक है। दिनांक 23 जनवरी को संध्या 6 बजे आयोजित मालवा माच महोत्सव के उद्घाटन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कला संकायाध्यक्ष एवं कुलानुशासक प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा, अभिनव रंगमंडल के संस्थापक - अध्यक्ष श्री शरद शर्मा एवं स्वर्गीय श्री सिद्धेश्वर सेन की सुपुत्री लोक कलाकार श्रीमती कृष्णा वर्मा होंगी। समारोह में 23 जनवरी को तुर्रा कलंगी शैली में भास के मध्यम व्यायोग नाटक का मंचन, गांगोलिया बंधु (अजय गांगोलिया एवं विजय गांगोलिया) का लोकगायन, तत्पश्चात स्वर्गीय सिद्धेश्वर सेन द्वारा रचित “माच” खेल “राजा भरथरी” का मंचन किया जाएगा ।
24 जनवरी को स्वर्गीय सिद्धेश्वर सेन एवं डॉ भगवतीलाल राजपुरोहित द्वारा रचित एवं हफी़ज़ खा़न और बाबूलाल देवड़ा द्वारा निर्देशित “माच” खेल “शकुंतला” का मंचन एवं उसके पश्चात स्वर्गीय सिद्धेश्वर सेन द्वारा रचित एवं बाबूलाल देवड़ा द्वारा निर्देशित “माच” खेल “कवि कालिदास” का मंचन किया जाएगा।
23-24 जनवरी को सायं 6:00 बजे संकुल प्रेक्षागृह, कालिदास अकादमी परिसर में इस कार्यक्रम का आयोजन रखा गया है। प्रवेश निशुल्क है।
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