उज्जैन। अखिल भारतीय संस्थागत नेतृत्व समागम 2023 में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा नई शिक्षा नीति में किये गए प्रयासों एवं गतिविधियों को रेखांकित किया।16 और 17 जनवरी 2023 को इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में हो रहे अखिल भारतीय संस्थागत नेतृत्व समागम 2023 में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा व्याख्यान के माध्यम से नई शिक्षा नीति में किये गए प्रयासों एवं गतिविधियों को रेखांकित किया।
विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान, उच्च शिक्षा विभाग, म. प्र., डी. ए. वी. वी. इंदौर, और एमपीपीयूआरसी द्वारा आयोजित अखिल भारतीय संस्थान नेतृत्व समागम 2023- अंतर संस्थागत विकास पर एक संवाद कार्यक्रम में विक्रम विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने भाग लेते हुए नई शिक्षा । नीति को लागू करने में विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा किये गए अथक प्रयासों एवं गतिविधियों को रेखांकित किया। अपने व्याख्यान में प्रोफेसर पांडेय ने बताया कि मध्य प्रदेश की उज्जयिनी, अवंतिका आदि नामों से जानी जाने वाली सांस्कृतिक नगरी एवं यशस्वी आचार्य सांदीपनि और नवरत्नों से अलंकृत सम्राट विक्रमादित्य की कर्मभूमि अवंतिका के विद्यावैभव को पुनः स्थापित करने के उद्देश्य से विक्रम विश्वविद्यालय की स्थापना 1956 में हुई। अपनी बात को बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि विक्रम विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद से ही इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करने का और उनकी सृजनात्मक एवं रचनात्मक क्षमताओं का विकास करने का रहा है। इसीलिए, विक्रम विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने वाले प्रथम विश्वविद्यालयों में से रहा है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने हेतु उसके तीन महत्वपूर्ण आयाम (ट्रिपल एच) हैंड, हेड एंड हार्ट अर्थात् विद्यार्थी हाथ से काम करना सीखें, उनकी बौद्धिक क्षमता का विकास हो तथा वे राष्ट्र एवं समाज के प्रति संवेदनशील बने इसे विश्वविद्यालय ने अपना प्रथम दायित्व माना है। माननीय कुलपति जी ने अपनी बात को बढ़ाते हुए कहा कि विक्रम विश्वविद्यालय में संचालित पाठ्यक्रमों में आवश्यक बदलाव कर नवीन पाठ्यक्रमों की संरचना तथा विद्यार्थियों में पूर्णतः कौशल विकास, उद्यमिता एवं रोजगारपरक दृष्टिकोण के अनुरूप 250 से अधिक पाठ्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है, जिससे विद्यार्थियों को उनकी रुचि के अनुसार एक ही कैंपस में विषय चयन की सुविधा उपलब्ध हो सके। कुलपति जी के इस कार्यक्रम में उद्बोधन पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर प्रशांत पुराणिक ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन हेतु एक दर्जन से अधिक राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय संगोष्ठियों का आयोजन किया। विक्रम विश्वविद्यालय में गत दो वर्षों में अध्ययनशालाओं की संख्या बढ़कर 28 से 36 हुई है, साथ ही अन्तराष्ट्रीय स्तर पर नए आयामों को छूने के लिए विश्वविद्यालय ने कुल 54 राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के साथ एम.ओ. यू. किये हैं, जो विद्यार्थियों के लिए अत्यधिक लाभकारी हैं।
इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय ने अपनी सामाजिक जिम्मेदारियाँ पूरी करते हुए पिछले तीन वर्षों में अपने परिसर में 5000 से अधिक पौधों का रोपण किया है। विश्वविद्यालय द्वारा ऑक्सीजन टैक्स का भी आरम्भ किया गया है, जिसके तहत परिसर में भ्रमण करने वाले सुधीजनों द्वारा ही वृक्ष वाटिका का निर्माण किया गया है, इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय द्वारा जीरो वेस्ट को भी अपनाया गया है, अतः विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति को पूर्णतः लागू करने के लिए दृढ़संकल्पित है।
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