
भारतीय विज्ञान सम्मलेन अति प्रतिष्ठित वैज्ञानिक आयोजन है, जिसमें देश एवं विदेश से लगभग 10,000 से अधिक विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ एवं अनेक नोबेल प्राइज विजेता भी सम्मिलित होते हैं। इस वर्ष 108 वे सत्र का आयोजन नागपुर विश्वविद्यालय द्वारा किया गया l सम्मलेन में विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय को पर्यावरण के क्षेत्र विशेष रूप से कचरा प्रवंधन, खरपतवार नियंत्रण में उल्लेखनीय कार्य के लिए सम्मानित किया गया। कुलपति प्रो पांडेय ने भारतीय विज्ञान सम्मलेन में पादप विज्ञान के समूह के प्रेसिडेंशियल व्याख्यान सत्र की अध्यक्षता की। साथ ही वे भारतीय विज्ञान सम्मेलन में प्राणिकी समूह में डॉ हरस्वरूप एजुकेशनल अकादमी, भोपाल द्वारा दिए जा रहे डॉ हरस्वरूप अवार्ड कार्यक्रम में उपस्थित हुए, जिसमें 5 वरिष्ठ वैज्ञानिको को पुरस्कृत किया गया। कुलपति प्रोफेसर पाण्डेय ने कवक विज्ञान, पादप रोग विज्ञान, जैवशाकनाशी, पादप वर्गिकी आदि क्षेत्रों में उत्कृष्ट अनुसन्धान कार्य किया है। पार्थेनियम (खरपतवार) के नियंत्रण तथा मशरुम उत्पादन के क्षेत्र में उनका सराहनीय योगदान रहा है। यह देश के किसानों की आर्थिक प्रगति तथा कृषि उत्पादन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान है। इसके अतिरिक्त प्रोफेसर पांडेय के राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की शोध पत्रिकाओं में प्रो पाण्डेय के 250 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित हुए हैं। इन्हीं महत्वपूर्ण उपलब्धियों के लिए माननीय कुलपति प्रो पांडेय को भारतीय विज्ञान सम्मलेन में सम्मानित किया गया।
कुलपति जी की इस उपलब्धि पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर प्रशांत पुराणिक ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि कुलपति जी का इस प्रतिष्ठित सम्मलेन में सम्मान होना विक्रम विश्वविद्यालय के लिए गौरव की बात है।
विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने बताया कि इस प्रकार की अंतर्राष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठियों में माननीय कुलपति जी के सम्म्मान से विश्वविद्यालय में हर्ष का वातावरण है एवं विक्रम विश्वविद्यालय स्वयं भी इस प्रतिष्ठित आयोजन का मेजबान बनने के लिए प्रयासरत है। इस महत्त्वपूर्ण उपलब्धि के लिए विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षकों, अधिकारियों और कर्मचारियों ने कुलपति जी को बधाई और मंगलकामनाएँ दीं।
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