विक्रम विश्वविद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों को अपने पाठ्यक्रम के अतिरिक्त देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए कुछ नए उत्पाद या विधियों को विकसित करते हुए धन अर्जन हेतु प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय, कुलपति, विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा समय-समय पर प्रेरित किया जाता है। कुलपति जी का मानना है कि पढ़ाई के साथ-साथ विद्यार्थियों में पैसे की बचत एवं कमाने की आदत का विकास भी विद्यार्थी जीवन से ही प्रारम्भ किया जाना आवश्यक है। कुलपति जी के उपरोक्त विचारों से प्रेरित होकर प्राणिकी एवं जैव-प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के विद्यार्थियों द्वारा अनेक उत्पादों को विकसित किया गया है।
इसी पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए विक्रम विश्वविद्यालय एवं विजय फाउंडेशन फॉर एजुकेशन रिसर्च एंड डेवलपमेंट उज्जैन द्वारा "लर्न फार अर्न", छोटे बच्चों के लिए डांस एवं फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में 150 से अधिक विद्यार्थियों ने सहभागिता की। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो अखिलेश कुमार पाण्डेय, कुलपति, विक्रम विश्वविद्यालय, ने की। प्रोफेसर पाण्डेय ने अध्यक्षीय उदबोधन में कहा कि विद्यार्थियों की प्रतिभा को बाल्य्काल से ही निखारने का सराहनीय कार्य इस कार्यक्रम द्वारा किया गया है। हमारे विद्यार्थी अपने उज्ज्वल भविष्य को ध्यान में रखते हुए ईमानदारी पूर्वक कठिन परिश्रम करे। कार्यक्रम में मुख्य:अतिथि के रूप में प्रोफेसर प्रशांत पुराणिक, कुलसचिव, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन ने अपने उद्बोधन में कहा कि बच्चों में अपार प्रतिभा है, इन्हें उचित प्रशिक्षण एवं मंच की व्यस्वस्था कर इनके प्रतिभा को निखारा जा सकता है।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रोफेसर शैलेन्द्र कुमार शर्मा, कुलानुशासक, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन ने कहा कि छोटे बच्चों में कला एवं संस्कृति के प्रति अपIर आकर्षण दिखाई देता है, यदि इन्हें शिशु अवस्था से उचित मार्गदर्शन प्राप्त होता रहे तो निश्चित ही एक दिन वे राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में विजयश्री हासिल करेंगे। कार्यक्रम में विजय फाउंडेशन की आयोजक सचिव डॉ शिवि भसीन एवं डॉ अरविन्द शुक्ल ने बताया कि इस प्रकार के कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में आत्मनिर्भरता की भावना को जागृत करना एवं उनकी सृजनात्मकता को बढ़ावा देना है।
कार्यक्रम का संचालन कुमारी यशी श्रीवास्तव ने किया एवं आभार श्रीमती दीपा पोतदार ने माना।
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