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तकनीकी दृष्टि से नए आविष्कार कर दिव्यांगजनों का समाज की मुख्यधारा में समावेश सुनिश्चित किया जा सकता है - डॉ. सी.सी. त्रिपाठी

भोपाल। 3 दिसम्बर को दिव्यांगजनों हेतु अंतराष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है। इस दिन दिव्यांगजनों के सम्मान में जन-जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन एवं उनके सशक्तिकरण हेतु बहुत सारे गंभीर मुद्दों को उठाते हैं और उन पर चर्चाएँ की जाती है।

इसी उपलक्ष्य में सी आर सी भोपाल में 3 दिसंबर, 2022 को जन-जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस वर्ष का विषय “समावेशी विकास के लिए परिवर्तनकारी समाधान और साम्यिक दुनिया को बढ़ावा देने में नवाचार की भूमिका” रहा। भारत सरकार के विशेष अभियान 2.0 के तहत “दिव्यागजनों हेतु स्वच्छता की आवश्यकता” विषय पर एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। यहां महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि इस प्रदर्शनी में पारंपरिक तरीकों, नवाचारों और संशोधनों के माध्यम से स्वच्छता हेतु समावेश एवं अभिगम्यता को मुख्य रूप से प्रदर्शित गया। दिव्यांग हितग्राहियों एवं उनके अभिभावकों हेतु एक विशेष स्वच्छता किट तैयार की गई और उनके लिए स्वच्छता के तरीकों पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में निटर निदेशक डॉ सी सी त्रिपाठी ने मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हए तकनीकी दृष्टि से नई खोज पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि, सी.आर.सी. जैसे संस्थान पुनर्वास में आ रही व्यावहारिक समस्याओं का विवरण दें तो नए आविष्कार कर दिव्यांगजनों का समाज की मुख्यधारा में समावेश सुनिश्चित किया जा सकता है। इस केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉ. गणेश अरुण जोशी ने कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि, लाभार्थियों एवं उनके अभिभावकों एवं सहकर्मियों को कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु धन्यवाद ज्ञापन दिया।

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