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सुरक्षा है सफलता का मूल, कभी भी ना इसे जाना भूल - चन्दन कुमार

 


उज्जैन। पूर्व छात्र एवं सामाजिक प्रकोष्ठ के अंतर्गत कंप्यूटर विज्ञान संस्थान, आइक्यूएसी विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन एवं एलेगिस इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला के अंतिम दिवस पर साइबर सिक्यूरिटी एवं सोशल इंजीनियरिंग विषय पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ| संगोष्ठी की अध्यक्षता विक्रम विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय जी द्वारा की गई। संगोष्ठी की रूपरेखा डॉ. लोकेश कुमार लड्ढानी ने प्रस्तुत की। कंप्यूटर विज्ञान संस्थान तथा आइक्यूएसी विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के निदेशक डॉ. उमेश कुमार सिंह ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए सभी अतिथियों का सम्मान किया। आपने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि किस प्रकार से यह कार्यशाला आपके ज्ञान के भंडार को विपुल्लित करेगी। आपने यह भी बताया साइबर सिक्योरिटी के अंतर्गत एथिकल हैकर्स की एक बड़ी टीम होती है, जो आपका डेटा चोरी होने, डेटा डिलीट होने या आपके किसी भी डिवाइस को नुकसान होने से बचाते हैं, इसे इनफार्मेशन सिक्योरिटी और टेक्नोलॉजी सिक्योरिटी के नाम से भी जाना जाता है। साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट का मुख्य काम होता है इंटरनेट पर साइबर हमलों को रोकना और सिस्टम डेटा को सुरक्षित रखना। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता एवं संस्थान के पूर्व छात्र श्री चन्दन कुमार जी जो कि वर्तमान में सिटी बैंक नार्थ अमेरिका में वाईस प्रेसिडेंट के पद पर कार्यरत हैं, ने बताया कि जिस स्तर पर इंटरनेट का इस्तेमाल पूरी दुनिया भर में किया जा रहा है, और लगातार इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है, तो ऐसे में यह बहुत जरुरी हो जाता है, कि इंटरनेट के यूजर्स की सिक्यूरिटी पर भी ध्यान दिया जाए। यहाँ साइबर सिक्यूरिटी द्वारा डिवाइस, सॉफ्टवेयर और प्रक्रियाओं की सुरक्षा की कई परतों को तैयार किया जाता है, जिससे इंटरनेट पर होने वाली गलत गतिविधियों को रोका जा सके और यूजर डाटा को सुरक्षित रखा जा सके। श्री चन्दन कुमार द्वारा बताया गया कि जिस प्रकार आप अपने घर की सुरक्षा के प्रति सचेत है उसी प्रकार आपको आपकी सुचना संग्रहण प्रणाली को सुरक्षित रखने के लिए सक्रिय रहना पड़ेगा| आपने यह भी बताया कि साइबर हमले कितने प्रकार के होते हैं ओर उनसे कैसे बचा जा सकता है। शिक्षक एवं कर्मचारी प्रशिक्षण कार्यशाला के अंतिम सत्र की मुख्य वक्ता माइक्रोसॉफ्ट की सुश्री शीतल राय ने माइक्रोसॉफ्ट आउटलुक के उपयोगी फीचर्स का प्रशिक्षण प्रदान किया, आपने बताया कि आउटलुक आपके मेल अकाउंट को व्यवस्थित रखने की सुविधा प्रदान करता है। इसमें आप आने वाले मेसेज को स्वचालित रूप से व्यवस्थित कर सकते हैं एवं इसे एक स्वसम्पूर्ण अनुप्रयोग के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। आपने यह भी बताया कि आपका कंप्यूटर जब इन्टरनेट से जुड़ता है तब कई तरीके से घुसपैठिये आपके डाटा में सेंध लगाने के लिए तत्पर रहते है। अतःईमेल में कोई भी अज्ञात मेल न खोले, पहले उसकी जाँच करें एवं किसी अनजान लिंक या अज्ञात फाइल पर क्लिक करने से पहले सुरक्षा निश्चित कर ले। कार्यशाला का समन्वयन डॉ. भूपेंद्र कुमार पंड्या, श्रीमती कीर्ति दीक्षित एवं तकनीकी सहयोग श्री शेखर दिसावल ने किया। आभार संस्थान में पूर्व छात्र परिषद् प्रकोष्ठ के समन्वयक डॉ. क्षमाशील मिश्र द्वारा माना गया एवं कार्यक्रम का सूत्र संचालन श्रीमती गीतिका सिंह द्वारा किया गया।

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