विक्रम विश्वविद्यालय के प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में जीव विज्ञान के महान वैज्ञानिक और प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी विभाग के संस्थापक प्रो हरस्वरूप की सौंवी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में पुष्पांजलि एवं अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन सम्पन्न।
विक्रम विश्वविद्यालय के प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में महान वैज्ञानिक और प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी विभाग के संस्थापक प्रोफेसर हरस्वरूप की सौंवी वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में पुष्पांजलि एवं अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर देश दुनिया के अनेक वैज्ञानिकों ने प्रख्यात जीव वैज्ञानिक प्रोफेसर हरस्वरूप के योगदान पर प्रकाश डाला।
विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन की प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में महान वैज्ञानिक और प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी विभाग के संस्थापक प्रोफेसर हरस्वरूप की सौंवी वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में पुष्पांजलि एवं अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन दिनांक 9 दिसंबर 2022 को प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में किया गया। इस संगोष्ठी में देश विदेश के प्रख्यात जीव-वैज्ञानिक एवं विभिन्न उच्च पदों पर पदस्थ विभाग के पूर्व विद्यार्थियों ने भाग लिया। प्रोफेसर हरस्वरूप विश्व के जाने-माने जैव-वैज्ञानिक थे। जिस समय विश्व को जैवप्रौद्योगिकी का अधिक ज्ञान नहीं था, उस समय भी प्रोफेसर हरस्वरूप ने डेवलपमेंटल बायोलॉजी, जेनेटिक इंजीनियरिंग, पॉलीप्लोइडी, नुक्लिएर ट्रांसफ़र, क्लोनिंग आदि जैसे नवीन विषयों पर अनुसन्धान किया तथा सन 2012 में उनके सहयोगी को नोबेल पुरस्कार भी प्राप्त हुआ । प्रोफेसर हरस्वरूप विक्रम विश्वविद्यालय के प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के संस्थापक भी हैं। उनके द्वारा इस विभाग की स्थापना सन 1961 में की गयी थी। इस विभाग में कई दिनों से इस भव्य आयोजन की तैयारियां चल रही थीं।
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इस कार्यक्रम के आयोजक डॉ हरस्वरूप एजुकेशनल अकादमी भोपाल, जूलॉजिकल सोसाइटी ऑफ़ इंडिया एवं पूर्व छात्र संगठन प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने की। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि प्रोफेसर हरस्वरूप एक विश्व प्रख्यात वैज्ञानिक है, यह विक्रम विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात है। साथ ही उन्होंने प्रति वर्ष उनके जन्म महोत्सव को मनाये जाने के लिए निर्देशित किया। इस अवसर पर अतिथि के रूप में प्रोफेसर भरत शरण सिंह, चेयरमैन, मध्य प्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग मध्य प्रदेश शासन भोपाल, डॉ आर आर कान्हेरे, चेयरमैन शुल्क विनिमायक आयोग, मध्य प्रदेश शासन भोपाल एवं पूर्व छात्र संगठन के कई छात्र उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती पूजन से हुई एवं इसके बाद विभाग के कई पूर्व छात्र एवं प्रोफेसर हरस्वरूप से जुड़े लोगों ने उनसे जुड़ी अपनी यादें साझा कीं।
कार्यक्रम में पधारे अतिथियों प्रोफेसर भरत शरण सिंह, प्रोफेसर आर आर कान्हेरे, विभाग के प्रथम शोधार्थी डॉ डी के बेलसरे, डॉ सी रमन भास्कर, डॉ एस के कुलश्रेष्ठ डॉ के के शर्मा, डॉ अनूप स्वरूप एवं डॉ टी पी व्यास ने प्रोफेसर हरस्वरूप के साथ अपने अनुभव साझा किये।
कार्यक्रम में डॉ डी के बेलसरे द्वारा लिखी गई पुस्तकों का विमोचन हुआ। इसी प्रकार डॉ सुधीर कुमार निगम की पुस्तक कायस्थ समाज की आधुनिक विभूतियाँ नामक पुस्तक का भी विमोचन हुआ। इस कार्यक्रम में एनवायरनमेंट एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी खजुराहो के अध्यक्ष डॉ अश्विनी कुमार दुबे की ओर से डॉ टी पी व्यास को अवार्ड दिया गया। इस कार्यक्रम में सर्वप्रथम प्रोफेसर हरस्वरूप को पुष्पों से श्रद्धांजलि दी गई।
कार्यक्रम में प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के कई पूर्व शिक्षक एवं शोधार्थी जैसे प्रोफेसर एम एस परिहार, प्रोफेसर एस सी कोठारी, प्रोफेसर पी के गोयल, प्रोफेसर शरद श्रीवास्तव, प्रोफेसर प्रदीप श्रीवास्तव, डॉ अनूप स्वरूप, डॉ टुटेजा, प्रोफेसर शायला इश्हाक, प्रोफेसर रेखा खन्ना, प्रोफेसर अनिल पाण्डेय, प्रोफेसर एस एस सिद्दीकी आदि सहभागी थे। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर प्रशांत पुराणिक, कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेन्द्र कुमार शर्मा, डॉ डी डी बेदिया, डॉ गणपत अहीरवार, डॉ संदीप तिवारी आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत विभाग के शिक्षक डॉ अरविन्द शुक्ल, डॉ संतोष कुमार ठाकुर, डॉ स्मिता सोलंकी एवं डॉ गरिमा शर्मा द्वारा किया गया।
कार्यक्रम का संचालन विभाग की शिक्षक डॉ शिवि भसीन ने किया एवं आभार विभागाध्यक्ष डॉ सलिल सिंह ने माना।
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