विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश के तत्वावधान में "एक शाम आपके नाम " आभासीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा, हिंदी विभागाध्यक्ष एवं कुल अनुशासक, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन ने मुख्य अतिथि के रूप में अपना मंतव्य देते हुए कहा कि, डॉ.शहाबुद्दीन नियाज़ मोहम्मद शेख एक मानवतावादी व्यक्तित्व के रूप में विशेष स्थान रखते हैं। वह भारत की समावेशी संस्कृति के संवाहक हैं।
डॉ.शहाबुद्दीन नियाज़ मोहम्मद शेख, पुणे, महाराष्ट्र , अध्यक्ष, विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान , प्रयागराज, उत्तर प्रदेश ने कहा कि,- व्यक्ति अध्ययन से ज्यादा अनुभव से सीखता है । मैं जिन व्यक्तियों और संस्थाओं से जुड़ा उनके बल पर आगे बढ़ता गया।
अध्यक्षीय भाषण में डॉ. हरि सिंह पाल, महामंत्री, नागरी लिपि परिषद, दिल्ली ने कहा कि,- डॉ.शेख सांप्रदायिक एकता के प्रतीक हैं । इस विषाक्त वातावरण में राष्ट्रीयता और मानवता के प्रति कार्य करना बड़ी बात है।
डॉ. गोकुलेश्वर कुमार द्विवेदी , संस्था सचिव, विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान , प्रयागराज ने कहा कि,- डॉ. शेख के मार्गदर्शन में संस्था उत्तरोत्तर उन्नति की ओर अग्रसर है।
श्री ओम प्रकाश त्रिपाठी , उपाध्यक्ष, विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान , प्रयागराज, उत्तर प्रदेश ने जन्म दिवस पर बधाई दी।
कार्यक्रम के अंतर्गत सुश्री यशिका चतुर्वेदी ( बाल संसद ) , जयपुर, राजस्थान ने गुरु महिमा समझाई। श्रीमती मणिवेन द्विवेदी, वाराणासी , उत्तर प्रदेश ने बहुत सुंदर गजल सुनाई। प्रो. रोहिणी डाबरे, अकोले, महाराष्ट्र, कार्यकारी अध्यक्ष , युवा सांसद ने अहमियत रिश्तों की और नारी शक्ति पर काव्यपाठ किया । श्रीमती रश्मि लहर, लखनऊ, उत्तर प्रदेश ने बहुत ही सुंदर ग़ज़ल गाई। श्री रवि शंकर श्रीवास्तव मधुप 'नर कंकाल' , रायबरेली, उत्तर प्रदेश ने हास्य व्यंग पर आधारित कविता सुनाई एवं डॉ.संगीता पाल गुजरात 'काम आए नहीं जो वतन के लिए , व्यर्थ ऐसी जवानी ना दे।' कविता सुनाई।
कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. रश्मि चौबे, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश, राष्ट्रीय बाल संसद प्रभारी , विश्व हिंदी साहित्य सेवा संस्थान, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश, ने किया और "नागरी लिपि का गौरव गान" कविता का काव्यपाठ किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ श्री अर्जुन गुप्ता, प्रयागराज , उत्तर प्रदेश की सरस्वती वंदना से हुआ । स्वागत भाषण श्री लक्ष्मीकांत वैष्णव, युवा सांसद प्रभारी, जांजगीर चापा, छत्तीसगढ़ ने दिया। प्रस्तावना डॉ. गोकुलेश्वर कुमार द्विवेदी जी ने प्रस्तुत की और आभार व्यक्त कार्यक्रम संयोजिका श्रीमती पुष्पा श्रीवास्तव शैली, प्रभारी उत्तर प्रदेश, रायबरेली ने किया।
कार्यक्रम में डॉ. वंदना अग्निहोत्री, डॉ. भरत त्रयंबक शेणकर, महाराष्ट्र , प्रभारी, डॉ. मुक्ता कान्हा कौशिक, छत्तीसगढ़ , प्रभारी , डॉ. सुनीता प्रेम यादव , राष्ट्रीय सांस्कृतिक आयोजन प्रभारी, औरंगाबाद, महाराष्ट्र डॉ.नज़मा बानो मलिक, गुजरात , प्रभारी , श्री जयवीर सिंह , डॉ. प्रभु चौधरी, महासचिव, राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना, उज्जैन, मध्य प्रदेशआदि अन्य अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।
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