मधुमेह एक दीर्घकालीन अनुसंगी रोग है । आज संचारी रोगों में प्रमुख मधुमेह रोग भारत में 9.3% की रेट से 20 से 70 वर्ष की उम्र के लोगों में लगातार बढ़ रहा है। 2030 तक विश्व में 643 मिलियन मधुमेह के रोगी हो जाएंगे। भारत में अभी चीन के बाद 77 मिलियन मधुमेह के रोगी है। पूरे विश्व में मधुमेह के प्रति जागरूकता की दृष्टि से विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विश्व में 14 नवंबर को विश्व मधुमेह दिवस घोषित किया है।
वरिष्ठ आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉक्टर प्रकाश जोशी व डॉ जितेंद्र जैन ने बताया कि सुख पूर्वक गद्देदार आसन पर बैठे रहना सोना दही व दही से बने पदार्थों का सेवन करना, नए-नए अन्नपान का सेवन करना, गुड से बनी पदार्थ जैसे कि मिश्री चीनी मिठाई और कफ को उत्पन्न करने वाले सभी आहार विहार पारिवारिक इतिवृत्त अनुवांशिकता मधुमेह को उत्पन्न करने में जोखिम कारक है । यदि किसी व्यक्ति को बारंबार मूत्र की प्रवृत्ति हो, ज्यादा भूख लगती हो, ज्यादा प्यास लगती है , वजन में कमी, हाथ पैरों में जलन होना, मुख का मीठा होना, मूत्र में चीटियों का लगना, जीभ कान आंखों में मलों का भरना जैसे लक्षण दिखने पर तत्काल चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। डॉ जितेंद्र जैन ने बताया कि नियमित शारीरिक व्यायाम दिनचर्या ऋतुचर्या का पालन करने से मीठे भोजनसामग्री का कम सेवन, जौ से बने पदार्थ, मूंग , दाल, लौकी , करेला, मेथी , परमल, खीरा , सेम त्रिफला आदि के नियमित सेवन से मधुमेह रोग से बचा जा सकता है।
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