विक्रम विश्वविद्यालय की प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में अध्ययनशाला स्तर युवा उत्सव का आयोजन
विक्रम विश्वविद्यालय के प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में यवा उत्सव का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में लगभग 20 से अधिक विधाएँ थीं जिनमें लगभग 140 से अधिक प्रतियोगियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में छात्रों के प्रोत्साहन के लिए कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय, कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक, कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेन्द्र कुमार शर्मा, डी. एस. डब्लू. डॉ एस. के. मिश्रा उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में एकल नृत्य (शास्त्रीय), समूह नृत्य, लोक नृत्य, एकल गायन (सुगम), एकल गायन (पाश्चात्य ), एकल गायन (भारतीय), सुगम गायन (भारतीय), समूह गायन (पश्चात्), शास्त्रीय एकल वादन (परकुशल), शास्त्रीय एकल वादन (नॉन-परकुशल), वक्तृता, वाद-विवाद, प्रश्नमंच, एकांकी, मुखाभिनय, मिमिक्री, स्किट, चित्रकला, मूर्ति शिल्प, पोस्टर निर्माण, रंगोली, व्यंग चित्र, कार्टूनिंग आदि विधाएँ संपन्न की गई। उक्त कार्यक्रम में वाद-विवाद एवं वक्तृत्व के निर्णायकगण के रूप में डॉ शिव चौरसिया, डॉ हरिमोहन बुधौलिया, श्रीराम दवे उपस्थित थे एवं गायन वादन और एकल एवं समूह नृत्य के निर्णायकगण के रूप में डॉ अंजना चौहान, श्री राजेंद्र आर्य, श्री विशाल शिंदे, श्री महेंद्र बुआ एवं श्री ओम दत्त आर्य उपस्थित थे।
उक्त प्रतियोगिताओं में एकल नृत्य (शास्त्रीय) में कुमारी मोक्षिता सक्सेना (वाणिज्य अध्ययनशाला), समूह नृत्य में प्राचीन भारतीय अध्ययनशाला की छात्रों का समूह, एकल गायन (सुगम) में कुमारी रिया राय (वाणिज्य अध्ययनशाला), समूह गायन (भारतीय) में कुमारी प्रियI श्रीवास, कुमारी हेमलता पवार, कुमारी दीपिका शर्मा (भौतिकी अध्ययनशाला), एकल वादन (परकुशल) में हर्ष दशलामिया (वाणिज्य अध्ययनशाला), एकल वादन (नॉन-परकुशल) में सलमान खान, वकृतता में कुमारी श्रुति शर्मा (वाणिज्य अध्ययनशाला), वाद-विवाद में अक्षय शर्मा (पक्ष, वाणिज्य अध्ययनशाला) एवं कुमारी शुभी पराशर (विपक्ष गणित अध्ययनशाला), प्रश्नमंच में वाणिज्य अध्ययनशाला के छात्रों का समूह, मुखाभिनय में रसायन विभाग के छात्रो का समूह, मिमिक्री में पवन कुमार रावल (गणित अध्ययनशाला), स्किट में वाणिज्य अध्ययनशाला के छात्रो का समूह, ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। यह छात्र अगले चरण में विभिन्न स्तर पर विभाग का प्रतिनिधित्व करेंगे।
युवा उत्सव के संयोजक डॉ सलिल सिंह, विभिन्न समितियों के सदस्यगण डॉ निशचल यादव, डॉ राजेश्वर शास्त्री मुसलगांवकर, डॉ राज बोरिया, डॉ जगदीश शर्मा, डॉ वीरेंद्र चावरे, डॉ विश्वजीत सिंह परमार, डॉ गणपत अहिरवार, डॉ विश्वजीत परमार, डॉ संग्राम भूषण, डॉ रमन सोलंकी, डॉ प्रीति पाण्डेय, डॉ चित्रलेखा कड़ेल, डॉ जगदीश शर्मा, डॉ अरविन्द शुक्ल, डॉ संतोष कुमार ठाकुर, डॉ शिवि भसीन, डॉ स्मिता सोलंकी, डॉ गरिमा शर्मा, डॉ मुकेश वाणी एवं डॉ अंशुमाला वाणी उपस्थित थे।
आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के निर्माण में युवा वैज्ञानिकों का दायित्व महत्वपूर्ण है- कुलपति प्रोफेसर पाण्डेय
मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के कार्यकम के उपलक्ष में प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में कुलपति प्रोफेसर पाण्डेय ने छात्रों का मार्गदर्शन करते हुए उन्हें आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के निर्माण में युवा वैज्ञानिकों के योगदान के बारे में समझाया।
विक्रम विश्वविद्यालय के प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में मध्य प्रदेश स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें विभाग में छात्रों को मध्य प्रदेश के बारे में जानकारी देते हुए सामूहिक रूप से मध्य प्रदेश का गान किया गया। इसी शृंखला में युवा उत्सव के उपलक्ष्य में कुलपति प्रोफेसर पाण्डेय ने छात्रों का मार्गदर्शन करते हुए उन्हें आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के निर्माण में युवा वैज्ञानिकों के दायित्व के बारे में समझाया। उन्होंने छात्रों से वार्तालाप के दौरान कहाँ कि आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के निर्माण में युवा अपनी अहम भूमिका निभा सकते हैं। विश्वविद्यालय ने गत दो वर्षों में आत्मनिर्भर भारत और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की संकल्पना को पूरा करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उढ़ाये है, इनमें विश्वविद्यालय द्वारा स्टार्टअप की शुरुआत, इन्क्यूबेशन सेन्टर की स्तापना, छात्रों के द्वारा महत्वपूर्ण उत्पादों का निर्माण आदि शामिल है। उन्होंने यह भी कहाँ की विश्वविद्यालय सदैव रोजगारसृजक छात्रों के निर्माण में विश्वास रखता है और इसी दिशा में विश्वविद्यालय द्वारा अनेक पाठ्यक्रम खोले गए जिनका चयन छात्र माइनर सब्जेक्ट के रूप में भी कर सकते है।
इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर प्रशांत पुराणिक ने बताया कि किसी भी देश एवं प्रदेश के निर्माण में युवा शक्ति का आपने महत्त्व है और इस युवा शक्ति को संगठित करके विकसित करना विश्वविद्यालय ने सदैव आपने दायित्व मIनI है। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने कहा कि युवा ही हमारे देश एवं प्रदेश के भविष्य की नीव रखेंगे इसलिए इन्हे उपयुक्त मार्गदर्शन व सहयोग प्रदान करना शैक्षणिक संस्थानों का उतरदायित्व है, जिसके लिए विश्वविद्यालय सदैव तत्पर है। इस अवसर पर डी एस डब्लू डॉ एस के मिश्रा, प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष डॉ सलिल सिंह, भौतिकी अध्ययनशाला विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ स्वाति दुबे, डॉ अरविन्द शुक्ल, डॉ संतोष कुमार ठाकुर, डॉ शिवि भसीन, डॉ स्मिता सोलंकी एवं डॉ गरिमा शर्मा मौजूद थे।
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