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विक्रम विश्वविद्यालय की प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में इंडक्शन मीटिंग एवं नवागत विद्यार्थियों का स्वागत समारोह संपन्न

  वास्तविक और प्राकृतिक वातावरण से ग्रहण करें युवा 

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय की प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में इंडक्शन मीटिंग एवं नवागत छात्रों का स्वागत समारोह संपन्न हुआ। नवागत छात्रों का स्वागत करना, भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग रहा है, इसी शृंखला के तहत  विक्रम विश्वविद्यालय के प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में इंडक्शन मीटिंग एवं नवागत विद्यार्थियों का स्वागत समारोह संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में सर्वप्रथम छात्रों को विभाग के शिक्षक डॉ अरविन्द शुक्ल, डॉ संतोष कुमार ठाकुर, डॉ शिवि भसीन, डॉ गरिमा शर्मा एवं डॉ स्मिता सोलंकी द्वारा छात्रों को विभाग के स्वर्णिम इतिहास से परिचित कराया गया। छात्रों को इसी दौरान विभाग के संस्थापक प्रोफेसर हरस्वरुप के अविस्मरणीय योगदान के बारे में बताया गया। 

इस कार्यक्रम में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि छात्रों का सर्वांगीण विकास तभी संभव है, जब वह किताबों से बाहर जाकर वास्तविक और प्राकृतिक वातावरण से ग्रहण करें। उन्होंने छात्रों को दूसरे विषय के छात्रों से संपर्क कर ज्ञान का आदान-प्रदान करने को प्रेरित किया। उन्होंने शिक्षकों को  मार्गदर्शित करते हुए कहा कि एक शिक्षक का कार्य केवल छात्र को शिक्षा देने का होता है, परन्तु एक गुरु का यह दायित्व है कि वह छात्रों को निखारते हुए उनके गुणों को उभारे।  

विश्वविद्यालय शिक्षक को गुरु के रूप में विकसित करने के लिए संकल्पित है। प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष डॉ सलिल सिंह ने आभार प्रदर्शन करते हुए माननीय कुलपति प्रोफेसर पाण्डेय द्वारा  विभाग को सदैव मार्गदर्शित करने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।

 विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक ने प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में पधारे छात्रों का स्वागत करते हुए उन्हें विभाग में चल रहे शोध को आगे बढाने को प्रेरित किया। 

विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने बताया कि नए छात्रों का स्वागत विश्वविद्यालय की एक सशक्त परम्परा रही है, जिसके माध्यम से छात्रों को विश्वविद्यालय और उनके विभाग की विरासत से परिचित कराया जाता है। इस अवसर पर प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में   विभाग के शिक्षक और कर्मचारीगण उपस्थित थे।

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