भोपाल। भारत सरकार द्वारा संचालित भारतीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग कार्यक्रम (ITEC) द्विपक्षीय सहायता कार्यक्रम है। जिसके अंतर्गत एनआईटीटीटीआर भोपाल द्वारा “महिला सशक्तिकरण: मुद्दे, चुनौतियाँ एवं नीति दिशा-निर्देश विषय पर द्विसाप्ताहिक कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। आईटेक कार्यक्रम में विश्व के उन्नीस देशों की महिला प्रतिभागी भाग ले रहीं हैं। जिसके उद्घाटन अवसर पर संचालक मंडल के अध्यक्ष श्री सी.पी. शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि महिलाएँ आबादी का लगभग आधा हिस्सा हैं। इसलिए विश्व के विकास के इस महान कार्य में महिलाओं की भूमिका तथा योगदान को पूरी तरह और सही परिप्रेक्ष्य में रखकर ही विश्व निर्माण के कार्य को समझा सकता है तथा वंचित क्षेत्रों में महिलाओं की क्या स्थिति है इस पर भी ध्यान देना होगा। इसके उपरांत संसथान के निदेशक प्रो. सी.सी. त्रिपाठी ने अपने विचार रखे उन्होंने कहा कि हर एक क्षेत्र में महिलाओं को खुद को आगे लाने की आवश्यकता है तभी महिलाओं के प्रति विश्व भर में परिवर्तन दिखाई देगा। उन्होंने मलाला युसुफजई का उदहारण दिया कि, मलाला ने खुद आगे बढ़कर महिलाओं की शिक्षा के लिए विरोधियों का सामना किया। उन्होंने आगे कहा कि, आप जो कुछ भी सीखकर जायें उसे अपने देश में और जीवन में लागु करने का प्रयास भी करें।
भारत सरकार की इस योजना के तहत आवश्यकता होने पर विषय विशेषज्ञ भी भेजे जायेंगे जिसके सहयोग के लिए निटर संसथान हमेशा तैयार है। इस कार्यक्रम का लक्ष्य प्रतिभागियों को महिला सशक्तिकरण के लिए क्षमता निर्माण के लिए प्रशिक्षित करना है एवं उनको महिला सम्बन्धी कानूनों के प्रति जागरूकता पैदा करना, जो उनको पेशेवर क्षेत्र में बेहतर बढ़त दिलाएगी और कार्य संस्कृति के प्रति उनके सकारात्मक दृष्टिकोण को बढ़ाएगी। महिला सशक्तिकरण महिलाओं को स्वतंत्र बनाने की प्रथा को संदर्भित करता है ताकि वे स्वयं निर्णय ले सकें और साथ ही बिना किसी पारिवारिक या सामाजिक प्रतिबंध के अपने जीवन को संभाल सकें। सरल शब्दों में, यह महिलाओं को अपने स्वयं के व्यक्तिगत विकास की जिम्मेदारी लेने का अधिकार देता है । इस कार्यक्रम की समन्यवयक श्रीमती अंजना तिवारी हैं ।
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