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प्रतिभा प्रोत्साहन प्रतियोगिताओं में सर्वाधिक पुरस्कार जीते शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ने

जहां अवसर मिले युवाओं को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करना चाहिए - कुलपति प्रो पांडेय

गांधी जयंती पर चार विधाओं में हुई प्रतिभा प्रोत्साहन प्रतियोगिताएं


विक्रम विश्वविद्यालय की हिंदी अध्ययनशाला एवं गांधी अध्ययन केंद्र द्वारा मध्यप्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, भोपाल एवं हिंदी भवन न्यास के सौजन्य से प्रतिभा प्रोत्साहन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। उज्जैन जिला स्तर की उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए अंतरविद्यालयीन प्रतियोगिताएँ हिंदी अध्ययनशाला में हुईं, जिसमें कक्षा नवीं से बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों ने भाग लिया। प्रतियोगिता में विजयी विद्यार्थियों को कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय और कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा द्वारा सम्मान राशि, शील्ड एवं प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। वाद विवाद प्रतियोगिता में शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, उज्जैन की प्रियांशी चव्हाण ने पक्ष में प्रथम और उसी विद्यालय के मानस त्रिपाठी ने विपक्ष में प्रथम स्थान प्राप्त किया। वादविवाद का विषय था, इस सदन की राय में छात्रों को इतिहास का सही ज्ञान कराना आवश्यक है। एकल लोकगीत प्रतियोगिता में श्री राकेश माल, शासकीय शालिग्राम तोमर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, दौलतगंज ने प्रथम, श्री भविष्य द्विवेदी, शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, माधव नगर ने द्वितीय एवं किरण सूर्यवंशी, शासकीय विजयाराजे कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, उज्जैन ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। काव्य पाठ प्रतियोगिता में शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की प्रियांशी चव्हाण ने प्रथम एवं शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बड़नगर की पायल डोडिया ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। चित्रांकन से शब्दांकन प्रतियोगिता में शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, उज्जैन के रिंकू मालवीय ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।

कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने कहा कि संगीत और विभिन्न कलाएं मनुष्य को मनोवैज्ञानिक तनाव से मुक्त करती हैं। विद्यार्थियों में अपार क्षमता है। उन्हें जहां अवसर मिले, अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करना चाहिए। विक्रम विश्वविद्यालय में कला प्रशिक्षण देने के साथ फिल्म सिटी भी बनाई जाएगी। नई पीढ़ी को अलग-अलग भाषाएं सीखनी चाहिए। किसी भी कला या विधा में निष्णात होने का लाभ जीवन में मिलता है। विद्यार्थी अपनी मातृभाषा और राष्ट्रभाषा हिंदी से प्रेम करें।

मध्यप्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के जिला संयोजक एवं विभागाध्यक्ष प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा ने कहा नई पीढ़ी को अपनी प्रतिभा के विकास और संवर्धन का निरन्तर अवसर मिले, यह जरूरी है। हिंदी, भारतीय भाषाएँ और विविध बोलियाँ सदियों से भाषाई सौहार्द और राष्ट्रीयता के मूल को सींचती आ रही हैं। महात्मा गांधी ने राष्ट्रभाषा हिन्दी को स्वाधीनता आंदोलन में महत्त्वपूर्ण स्थान दिया था।

कार्यक्रम की प्रस्तावना एवं रूपरेखा प्रतियोगिता संयोजक डॉ शिवी भसीन एवं डॉ अरविंद शुक्ला ने प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के सौजन्य से आयोजित जिला स्तर की प्रतिभा प्रोत्साहन प्रतियोगिता 2022 के अंतर्गत विभिन्न प्रतियोगिताएँ - वादविवाद, काव्यपाठ, एकल लोकगीत एवं चित्रांकन से शब्दांकन हिंदी अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में संपन्न हुईं। संयोजक इंजी अंजलि उपाध्याय ने बताया कि वाद-विवाद एवं चित्रांकन से शब्दांकन प्रतियोगिता के विजेता विद्यार्थियों को भोपाल में 15 अक्टूबर को आयोजित राज्य स्तरीय प्रतिभा प्रोत्साहन प्रतियोगिताओं में उज्जैन जिले का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिलेगा। अतिथियों का स्वागत डॉ जगदीश चंद्र शर्मा, डॉक्टर प्रतिष्ठा शर्मा, डॉक्टर उमा राजीव शर्मा, संदीप पांडेय, पूजा पाटीदार, युगेश द्विवेदी, निधि त्रिपाठी आदि ने किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ जगदीश चंद्र शर्मा ने किया। आभार प्रदर्शन प्रतियोगिता संयोजक डॉ अरविंद शुक्ला ने किया।

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