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पर्याप्त भर्ती एवं अन्य मांगों के निराकरण हेतु बैंक ऑफ महाराष्ट्र कर्मियों का प्रभावी प्रदर्शन

भोपाल। यूनाइटेड फोरम ऑफ महाबैंक यूनियंस, जिसमें की बैंक ऑफ महाराष्ट्र में कार्यरत सभी अधिकारी एवं कर्मचारी संगठन शामिल हैं, के आह्वान पर राजधानी भोपाल के सैकड़ों बैंक कर्मचारी एवं अधिकारियों ने आज शाम 6:00 बजे बैंक ऑफ महाराष्ट्र के अरेरा हिल्स भोपाल स्थित आंचलिक कार्यालय के सामने प्रभावी प्रदर्शन कर सभा का आयोजन किया। प्रदर्शन एवं सभा में मध्य प्रदेश बैंक एम्प्लाईज एसोसिएशन एवं मध्य प्रदेश बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के विभिन्न बैंकों के अधिकारी एवं कर्मचारी साथियों ने भी  शामिल होकर आन्दोलन के प्रति एकजुटता का इजहार किया। आंदोलित बैंक कर्मियों की मांग है कि- *पर्याप्त संख्या में अधिकारी, क्लर्क, चपरासी एवं सफाई कर्मचारियों की भर्ती की जावे, अधिक कार्य के दबाव में तनावग्रस्त रह रहे बैंक कर्मियों को तनाव मुक्त कर उनका कार्य जीवन संतुलन बनाया जाए, मानव संसाधन और औद्योगिक संबंधों के मुद्दों पर निर्णय लेते समय द्विपक्षीय  प्रणाली को बहाल किया जाए।

प्रदर्शन के पश्चात सभा हुई जिसे बैंक कर्मचारी- अधिकारी नेताओं साथी वी के शर्मा, दीपक रत्न शर्मा, एम एस जयशंकर, किशन खैराजानी, अशोक पंचोली, विकास दीक्षित, जे पी दुबे, सत्येंद्र चौरसिया,रोहित हसनानी,तिलक राज सिंह, विनोद गांधी, इकबाल बहादुर भगवान स्वरूप कुशवाहा, राजीव उपाध्याय आदि ने संबोधित किया। वक्ताओं ने बताया कि  आज महाबैंक के कर्मचारियों और अधिकारियों ने सभी संवर्गों में पर्याप्त भर्ती की मांग को लेकर देश भर के 42 क्षेत्रीय कार्यालयों के समक्ष प्रदर्शन किया।  बैंक में कार्यरत सभी यूनियनों ने युनाइटेड फोरम ऑफ महाबैंक यूनियंस के बैनर तले इस कार्यक्रम का आयोजन किया है। पिछले एक दशक में बैंक के कारोबार में 250% से अधिक की वृद्धि हुई है जबकि कर्मचारियों की संख्या में 10% से अधिक की कमी आई है।  हालांकि इस अवधि के दौरान उन्नत प्रौद्योगिकी पेश की गई है और वैकल्पिक वितरण चैनलों को मजबूत किया गया है। सरकार ने जन धन, जीवन सुरक्षा, जीवन ज्योति, अटल पेंशन, मुद्रा, स्वानिधि, फसल ऋण, फसल बीमा आदि जैसे सभी प्रकार के सरकारी व्यवसाय की जिम्मेदारी दी है।  जिसके परिणामस्वरूप काउंटरों पर काम के बोझ में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है जो ग्राहक सेवा पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है और इस प्रकार कर्मचारियों को तनाव और तनाव में काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। कर्मचारियों ने कार्य जीवन संतुलन खो दिया है।  यह उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है और इस प्रकार कर्मचारी पर्याप्त भर्ती और कार्य जीवन संतुलन की मांग पर आंदोलन कर रहे हैं। यूनियनें बैंक के कर्मचारियों और अधिकारियों को प्रभावित करने वाले मानव संसाधन और आईआर मुद्दों पर निर्णय लेते समय द्विपक्षीय बहाली की भी मांग कर रही हैं।

अपने आंदोलन के पहले चरण में यूनियनों ने बैंक के एमडी और सीईओ को ज्ञापन सौंपा है, मांग दिवस मनाया है और आज प्रदर्शन कर रहे हैं। 15 अक्टूबर को एमडी और सीईओ को ज्ञापन सौंपेंगे और अपनी मांगों की ओर ध्यान केंद्रित करने के लिए 16 अक्टूबर को ट्विटर मोर्चा का आयोजन करेंगे। मांगें के प्रति अगर प्रबंधन अडिग रहा तो यूनियनें दीवाली के बाद हड़ताल का आह्वान करेंगी।

प्रदर्शन एवं सभा में विभिन्न बैंकों के बैंक कर्मचारी अधिकारी नेतागण साथी वी के शर्मा, दीपक रत्न शर्मा, एम एस जयशंकर, किशन खैराजानी, अशोक पंचोली, जे पी दुबे, रोहित हसनानी, विकास दीक्षित, तिलक राज सिंह, विनोद गांधी,भगवान स्वरूप कुशवाहा, देवेंद्र खरे,सत्येंद्र चौरसिया, कृष्णा पांडे, संतोष चौबे, संतोष मालवीय, रोहित चिंघारियां, राज भारती, आदित्य श्रीवास्तव, शैलेश वानखेडे,रामू टेकाम, राम चौरसिया,अमित गुप्ता, अवध वर्मा, प्रदीप कटारिया, इकबाल बहादुर, राजीव उपाध्याय, रमेश सिंह, अभिजीत यादव, विवेक शर्मा, गजेंद्र भाई आदि उपस्थित थे।


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