Skip to main content

स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन एवं आईआईटी इंदौर के सयुंक्त तत्वावधान में "फ्यूचर स्कोप ऑफ सेमीकंडक्टर" विषय पर सेमिनार सम्पन्न


उज्जैन स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन एवं आईआईटी इंदौर के सयुंक्त तत्वावधान में "फ्यूचर स्कोप ऑफ सेमीकंडक्टर" विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया।

इस विषय पर प्रमुख वक्ता के रूप में आईआईटी इंदौर के इलेक्ट्रिकल ब्रांच एवं इलेक्ट्रॉनिक्स एंड सेमीकंडक्टर टॉस्क फोर्स के माननीय सदस्य प्रोफेसर सन्तोष कुमार विश्वकर्मा उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत मां शारदे की वंदना के साथ हुई। इसके पश्चात नेहा सिंह द्वारा कुलगान किया गया। तत्पश्चात कार्यक्रम में पधारे समस्त अतिथियों का आत्मीय स्वागत किया गया। इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर अखिलेश कुमार पांडेय अध्यक्ष के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर प्रशांत पुराणिक उपस्थित थे। अतिथियों का स्वागत स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के डायरेक्टर डॉक्टर संदीप तिवारी एवं को-ऑर्डिनेटर डॉक्टर वी. के. सक्सेना द्वारा किया गया।

कार्यक्रम में स्वागत भाषण डायरेक्टर संदीप तिवारी के द्वारा दिया गया। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय मे सेमीकंडक्टर की क्या आवश्यकता है एवं किस तरह सेमीकंडक्टर उद्योग के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। इस विषय पर हमें मार्गदर्शन हेतु प्रोफेसर विश्वकर्मा उपस्थित रहे। माननीय मुख्य अतिथि प्रोफेसर प्रशांत पुराणिक ने इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में रोजगारउन्मुख कार्यक्रम चलाए जाएँगे। भविष्य में विक्रम विश्वविद्यालय, आईआईटी इंदौर के साथ मिलकर इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स हब उज्जैन में बनाया जाएगा। इसमें सभी कॉलेज के विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं, फेकल्टी के साथ ही उद्योगपतियों को जोड़कर नए स्टार्ट अप तैयार किये जायेंगे। माननीय कुलपति महोदय प्रोफ़ेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि मध्यप्रदेश को भारत का हृदय प्रदेश कहा जाता है। उज्जैन को आध्यात्मिक नगरी के साथ उद्योग नगरी के रूप मे भी विकसित करना है। इसके लिये केंद्र सरकार के साथ मध्यप्रदेश शासन मिलकर कई प्रोजेक्ट्स चलाये जा रहे हैं। आज ही माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के कर कमलों से 5 - जी सुविधा का उद्घाटन किया गया है। इससे इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र मे रोजगार पाने की अपार संभावनाएं है। उज्जैन एवं इंदौर के मध्य मेडिकल इंस्टूमेंट मेनिफेक्चरिंग हब प्रस्तावित किया जा चुका है। इससे उज्जैन के विद्यार्थियों के लिए सुनहरा अवसर प्राप्त हुआ है।

मुख्य वक्ता के रूप मे उपस्थित आईआईटी इंदौर के प्रोफेसर संतोष कुमार विश्वकर्मा ने अपने वक्तव्य में कहा कि केंद्र सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एन्ड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के द्वारा एक प्रोजेक्ट "स्पेशल मैनपॉवर डेवेल्पमेंट प्रोग्राम इन वीएलएसआई डिज़ाइन" पर संचालित किया जा रहा है। इसी के परिपेक्ष्य में मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा एक टॉस्क फोर्स का निर्माण किया गया है। जो प्रदेश सरकार को इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स के संबंध में नई पॉलिसी बनाने के साथ ही मध्यप्रदेश को देश के अग्रणी राज्यों में लाकर खड़ा करने का प्रयास करेगी। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत अधिक से अधिक संख्या में विद्यार्थियों के अंदर जॉब ओरिएंटेड स्किल्स को डेवल्प करना है। इसके साथ ही आईआईटी इंदौर के द्वारा "मध्यप्रदेश चलो" का केम्पेन चलाया जा रहा है, जिसमें सभी बड़े उद्योगपतियों से मध्यप्रदेश के अंदर अपनी कंपनी स्थापित करने का निवेदन भी किया जा रहा है। जिस तरह ताइवान जैसे छोटे से देश ने सेमीकंडक्टर के उपयोग को अच्छे से समझकर उसके क्षेत्रों में इतना व्यापक विकास किया है कि आज अमेरिका, यूरोप के देश भी उससे आयात कर रहे हैं । इस सेमिनार के उपरांत जल्द ही उज्जैन के विषय विशेषज्ञों के साथ एक वर्कशॉप आयोजित की जाएगी। इसमें विद्यार्थियों को चिप के निर्माण के बारे में जानकारी दी जाएगी औऱ इसके पश्चात स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, विक्रम विश्वविद्यालय के साथ मिलकर एक रिसोर्स सेंटर का निर्माण किया जाएगा। इसमें उज्जैन स्थित सभी कॉलेजों को भी जोड़कर विद्यार्थियों को चिप, प्रोसेसर, सर्किट डिज़ाइन का निःशुल्क प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इसके साथ हर विद्यार्थी आत्मनिर्भर होकर मेक इन इंडिया में अपना योगदान दे सकेगा।

कार्यक्रम का आभार समन्वयक डॉक्टर विष्णु कुमार सक्सेना द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन सुश्री अमृता शुक्ला ने किया। सेमिनार का समन्वयन श्री राजेश चौहान, अमित ठाकुर, रघुनंदन सिंह बघेल, खेमराज बैरागी, आशीष सूर्यवंशी, रितेश नागर ने किया। इस अवसर पर समस्त फैकल्टी, स्टाफ, शोधार्थी सहित विद्यार्थीगण मौजूद रहे ।

Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती हैं। उनकी कहानियों में आधुनिक जीवन का कोई-न-कोई विशिष्

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं