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महाकाल लोक के लोकार्पण के पूर्व 8 अक्टूबर को शिव तत्व पर राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं परिसंवाद का आयोजन

विक्रम विश्वविद्यालय में भारतीय वैज्ञानिक दृष्टिकोण और भगवान शिवचरित पर होगा विमर्श 

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय के विज्ञान एवं जीव विज्ञान संकायों के विभागों द्वारा संयुक्त रूप से राष्ट्रीय संगोष्ठी  एवं परिसंवाद का आयोजन किया जा रहा है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के करकमलों से 11 अक्टूबर को महाकाल लोक के लोकार्पण के ऐतिहासिक अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा 8 अक्टूबर 2022, शनिवार को मध्याह्न 12 बजे भारतीय वैज्ञानिक दृष्टिकोण और भगवान शिवचरित विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं परिसंवाद का आयोजन प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में किया जाएगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति अखिलेश कुमार पांडेय करेंगे, जो पूर्व में भी नेशनल साइंस कांग्रेस में शिव के वैज्ञानिक स्वरूप पर शोध प्रस्तुत कर चुके हैं।

कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक ने बताया कि प्राचीन शिव ग्रंथों में कई वैज्ञानिक तथ्य उपलब्ध हैं।  उनका ज्ञान आज की पीढ़ी को होना आवश्यक है।

कुलानुशासक प्रो शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने बताया कि औपनिवेशिक काल में भारतीय ज्ञान प्रणाली को लेकर कई भ्रांतियां फैलाई गईं। हमारे वैज्ञानिक दृष्टिकोण की उपेक्षा की गई। ये एक प्रयास है हमारे महान ग्रंथों के वैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य को सामने लाने का।  

परिसंवाद में मुख्य वक्ता के रूप में प्रो अप्रतुल चंद्र शुक्ल, उज्जैन अभियांत्रिकी महाविद्यालय; प्रो हरीश व्यास, कालिदास कन्या महाविद्यालय एवं डॉ शिवम शर्मा , पाणिनि संस्कृत विश्वविद्यालय रहेंगे।

आयोजक प्रो उमा शर्मा, डॉ स्वाति दुबे, प्रो डी एम कुमावत, डॉ संदीप तिवारी एवं डॉ सलिल सिंह ने शिक्षकों, विद्यार्थियों और शोधार्थियों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में सहभागिता के लिए प्रेरित किया है।

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