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अखिल भारतीय कालिदास समारोह 4 से 10 नवम्बर तक उज्जैन में, देश के बारह से अधिक प्रान्तों के विद्वान, कलाकार और संस्कृतिकर्मी भाग लेंगे

सारस्वत आयोजनों के अंतर्गत होंगे कालिदास साहित्य के विविध पक्षों पर राष्ट्रीय संगोष्ठी के छह सत्र, व्याख्यानमाला के पाँच सत्र एवं तीन स्पर्धाएं 

अखिल भारतीय अंतरविश्वविद्यालयीन संस्कृत वादविवाद, राज्य स्तरीय अन्तरमहाविद्यालयीन कालिदास काव्य पाठ और हिंदी वादविवाद प्रतियोगिताएँ होंगी 

उज्जैन। मध्यप्रदेश शासन के तत्वावधान में विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन, जिला प्रशासन एवं कालिदास संस्कृत अकादमी, उज्जैन का संयुक्त आयोजन अखिल भारतीय कालिदास समारोह 2022 दिनांक 4 से 10 नवम्बर तक सम्पन्न होगा। सारस्वत एवं सांस्कृतिक आयोजनों में भाग लेने के लिए देश के विभिन्न भागों के सैकड़ों विद्वान, संस्कृतिकर्मी, कलाकार, शोधकर्ता और विद्यार्थी उज्जैन आ रहे हैं। समारोह के शुभारंभ के पूर्व 3 नवंबर को मंगल कलश यात्रा प्रातः 10:00 से प्रातः रामघाट से प्रारंभ होकर कालिदास संस्कृत अकादमी पहुंचेगी। इसी रात्रि को नांदी के अंतर्गत महत्वपूर्ण प्रस्तुतियां होंगी। महाकवि कालिदास की विश्वविश्रुत कृति विक्रमोर्वशीय से अनुप्राणित चित्र एवं मूर्ति कलाकृतियों की राष्ट्रीय कालिदास प्रदर्शनी दिनांक 4 नवम्बर को उद्घाटन के पश्चात् से 10 नवंबर तक प्रतिदिन साहित्यप्रेमियों, कलारसिकों और सुधीजनों के अवलोकनार्थ खुली रहेगी। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अंतर्गत प्रतिदिन संध्या 7:00 बजे नाट्य, नृत्य एवं संगीत की मनोरम प्रस्तुतियां होंगी।

समारोह के सारस्वत आयोजनों के अंतर्गत कालिदास संस्कृत अकादमी द्वारा भारतीय संस्कृति की दीपशिखा कालिदास पर केंद्रित राष्ट्रीय संगोष्ठी के दो सत्र एवं विक्रम विश्वविद्यालय की कालिदास समिति द्वारा राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी के चार सत्रों का आयोजन किया जाएगा। समारोह के दौरान संस्कृत कवि समवाय के अंतर्गत संस्कृत काव्यपाठ, पंडित सूर्यनारायण व्यास व्याख्यानमाला एवं महाकवि कालिदास व्याख्यानमाला के अंतर्गत अनेक महत्वपूर्ण व्याख्यान होंगे। विद्यार्थियों की स्पर्धाओं के अंतर्गत अंतरविश्वविद्यालयीन संस्कृत वाद विवाद, राज्य स्तर की अंतर महाविद्यालयीन कालिदास काव्य पाठ और हिंदी वाद विवाद प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा। 

यह जानकारी देते हुए विक्रम विश्वविद्यालय की कालिदास समिति के सचिव प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा एवं कालिदास संस्कृत अकादमी के प्रभारी निदेशक डॉ संतोष पंड्या ने बताया कि विद्यार्थियों के लिए अखिल भारतीय स्तर की अंतरविश्वविद्यालयीन कालिदास संस्कृत वाद विवाद प्रतियोगिता का विषय कालिदासस्य काव्येषु राजवैभववर्णनम्, संदृश्यते यथा स्पष्टं न तथा लोकजीवनम् रखा गया है। राज्य स्तर की अंतर महाविद्यालयीन कालिदास हिंदी वाद विवाद प्रतियोगिता का विषय महाकवि कालिदास की रचनाओं में राजवैभव का स्पष्ट वर्णन हुआ है, लोकजीवन का नहीं, रखा गया है। राज्य स्तर की कालिदास काव्य पाठ  प्रतियोगिता में विद्यार्थियों को श्लोकों का चयन महाकवि कालिदास की अमर कृति मालविकाग्निमित्रम् से करना होगा।

अकादमिक एवं सांस्कृतिक आयोजनों में देश के बारह से अधिक राज्यों के विद्वान, कलाकार, संस्कृतिकर्मी, शिक्षक, शोधकर्ता और विद्यार्थी भाग लेने के लिए उज्जैन आ रहे हैं। कालिदास संस्कृति अकादमी द्वारा आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के दो सत्र विश्वविद्यालय मार्ग, उज्जैन स्थित अभिरंग नाट्यगृह, कालिदास संस्कृत अकादमी में होंगे, जिनका विषय है भारतीय संस्कृति की दीपशिखा कालिदास। कालिदास समिति द्वारा संयोजित राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी के चार सत्रों का आयोजन में होगा। इनमें से एक विशेष सत्र विक्रम कालिदास पुरस्कार विजेता शोधपत्रों की प्रस्तुति का होगा। 

राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी में भाग लेने के लिए देश के विभिन्न प्रांतों के प्राध्यापक, शिक्षाविद् एवं शोधकर्ताओं से कालिदास साहित्य के विविध आयामों पर स्वतंत्र रूप से या अंतरानुशासनिक दृष्टि से शोध पत्र आमंत्रित किए गए हैं। शोध पत्र प्रस्तुतकर्ता पंजीयन एवं शोध पत्र प्रेषण के लिए कालिदास समिति कार्यालय, सिंधिया प्राच्य विद्या शोध प्रतिष्ठान, विक्रम विश्वविद्यालय, देवास मार्ग, उज्जैन में सम्पर्क कर सकते हैं।

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