विक्रम विश्वविद्यालय के प्राणीकी एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग एवं अभियांत्रिकी अध्ययनशाला (एसओईटी) के संयुक्त प्रयास से नशा मुक्ति कार्यक्रम का आयोजन किया गया
नशा समाज मे व्याप्त एक ऐसी बुराई है जो व्यक्ति के सम्पूर्ण स्वास्थ्य के साथ साथ समाज के विकास में भी बाधक है। अगर यह लत अल्पायु में ही लग जाये तो जीवन बर्बाद कर सकती है। इसी तारतम्य में विक्रम विश्वविद्यालय के प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग व अभियांत्रिकी अध्ययनशाला (एसओईटी) के संयुक्त प्रयास से नशा मुक्ति कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग द्वारा नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत कलापथक दल के मुख्य कलाकार श्री शैलेंद्र भट्ट व समूह ने नशा मुक्ति पर गीत और नाटक के माध्यम से नशे के दुष्परिणामो से विद्यार्थियों को अवगत कराया। कार्यक्रम आयोजक डॉ. सलिल सिंह व डॉ संदीप तिवारी ने बताया कि नशा मुक्ति जागरूकता विद्यार्थियों के मध्य बहुत जरूरी है और नशे का क्षणिक सुख जीवन भर यातना बन सकता है।
कुलपति प्रोफ़ेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने नशा मुक्ति पर हुए इस कार्यक्रम को समाज की जरूरत बताते हुए कलापथक दल के द्वारा प्रस्तुत इस अद्भुत कार्यक्रम की प्रशंसा की।
कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक ने बताया कि विश्वविद्यालय इस तरह की गतिविधि को सतत जारी रखेगा और विद्यार्थियों को समाज का एक जिम्मेदार नागरिक बनाने के लिए सदैव प्रयासरत है। कुलानुशासक प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि नशा सिर्फ एक व्यक्ति के लिए हानिकारक नहीं होता, वरन पूरे परिवार को उजाड़ कर रख देता है। विद्यार्थियों को इसके दुष्परिणामों की जागरूकता होना अति आवश्यक है।
कार्यक्रम का समन्वयन डॉ शिवि भसीन, डॉ अरविंद शुक्ला एवं इंजी अंजली उपाध्याय द्वारा किया गया।
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