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भगवान विश्वकर्मा और मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के कार्य अविस्मरणीय हैं - कुलपति प्रो पांडेय

स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में इंजीनियरस डे एवं विश्वकर्मा जयंती के उपलक्ष्य में तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन सम्पन्न

उज्जैन स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में इंजीनियरस डे एवं विश्वकर्मा जयंती के उपलक्ष्य में तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत 15  सितंबर 2022 को इंजीनियर्स डे के साथ हुई एवं समापन 17 सितंबर 2022 को विश्वकर्मा जयंती पर पूजन अर्चन के साथ हुआ। इस अवसर पर माननीय कुलपति प्रोफ़ेसर अखिलेश कुमार पांडेय विक्रम विश्वविद्यालय अध्यक्ष के रूप में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रो जगदीश पलसानिया उज्जैन इंजीनियरिंग कॉलेज उपस्थित थे।
कुलपति प्रोफ़ेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि हमें डॉक्टर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के जीवन से सीख लेना चाहिए। उन्होंने कितने सीमित संसाधनों में जीवन में उच्चतम स्थान पर पहुंचे। अपने देश के लिए उन्होंने काफी संघर्ष किया। इसी लिए उन्हें भारत रत्न से नवाजा गया और वे आधुनिक भारत के प्रथम इंजीनियर कहलाए। उन्होंने विद्यार्थियों को सभी महापुरुषों के जीवन वृतांत से सीख ले कर अपने जीवन में एक उद्देश्य बनाकर उसी तरह लग कर कार्य करने की प्रेरणा लेना है। मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया जी ने ना केवल एक अच्छे इंजीनियर थे बल्कि वह एक अच्छे राजनेता भी थे जो देश के लिए अत्यंत समर्पित थे। उन्होंने आजाद भारत के पहले भी कई ऐसे कार्य किए जो प्रेरणादायक स्रोत हैं। उनके द्वारा कई पुस्तकें लिखी गई है जो आज इंजीनियर के लिए एक महत्वपूर्ण शिक्षा का माध्यम है। साथ ही साथ हमें भगवान विश्वकर्मा जो स्वयं इस सृष्टि के प्रथम शिल्पकार है, उनसे शिक्षा लेना चाहिए। उनके द्वारा रचित श्री जगन्नाथ जी की मूर्तियां स्वयं में एक अनूठा शिल्प है। वह आज के समय में पूरे विश्व मे ख्याति प्राप्त है। उन्होंने ही द्वारिका एवं लंका का निर्माण किया था। उन्हें भगवान का शिल्पकार कहा जाता है।

अतिथियों का स्वागत स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के डायरेक्टर डॉक्टर संदीप तिवारी एवं को-ऑर्डिनेटर के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में स्वागत भाषण डायरेक्टर संदीप तिवारी के द्वारा दिया गया। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में एक इंजीनियर की क्या भूमिका होती है एवं विद्यार्थी किस तरह अपने जीवन में इंजीनियरिंग की पढ़ाई को आत्मसात कर अच्छा कैरियर बना सकते हैं। वह किसी भी क्षेत्र से संबंधित हो। बिना इंजीनियरिंग के देश का विकास संभव नहीं है। किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में उस देश के इंजीनियर का बहुत बड़ा योगदान होता है। सिविल इंजीनियरिंग से देश ही नहीं वर्णन विश्व का विकास होता है । मैकेनिकल इंजीनियरिंग से हम विश्व को गति प्रदान करते हैं। इलेक्ट्रिकल इंजीनियर देश को शक्ति देता है । इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियर देश को विश्व से जोड़ता है एवं कंप्यूटर साइंस इंजीनियर एक जादूगर की तरह देश को अंतरिक्ष तक ले जाता है। माननीय मुख्य अतिथि प्रोफेसर जगदीश पलसानिया ने अपने वक्तव्य में इंजीनियरिंग डे क्यों मनाया जाता है बच्चों को अच्छे से समझाया और शुक्रिया आधुनिक भारत के प्रथम इंजीनियर क्यों कहलाते हैं। उनके द्वारा महत्वपूर्ण योगदान कर्नाटक प्रदेश के साथ-साथ देश के लिए भी बहुत ही सराहनीय है। उनके द्वारा शिक्षा में अभूतपूर्व योगदान दिया गया। उन्होंने ही मैसूर विश्वविद्यालय की स्थापना की। साथ ही उन्होंने बैंक ऑफ मैसूर की स्थापना की। माननीय विश्वेश्वरैया जी ने बिना सीमेंट का उपयोग किए कृष्ण राज सागर बांध बना दिया जो विश्व के महत्वपूर्ण बांधों में से एक है। विश्वेश्वर्या जी बहुत ही ऊर्जावान व्यक्तित्व थे अपने 101 वर्ष के जीवन काल में वह कार्य करते रहे। उनके जीवन से हमें प्रेरणा मिलती है कि हमें भी अपने उद्देश्य को निर्धारित कर कुछ और अंतिम लक्ष्य पाने तक कोशिश करते रहना चाहिए कुलानुशासक डॉ शेलेन्द्र कुमार शर्मा द्वारा सभी को विश्वकर्मा जयंती की शुभकामनाएं दी गईं। इंजीनियरिंग डे के उपलक्ष्य में स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था, जिसमें प्रथम स्थान साहिल सिंह थर्ड सेम इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांच, द्वितीय विशेष प्रशासनकर फिफ्थ सेम इलेक्ट्रिकल ब्रांच एवं तृतीय स्थान सुश्री पायल बेदिया थर्ड सेम सिविल ब्रांच ने प्राप्त किया। सभी विजेताओं को ट्रॉफी प्रदान की गई ।

कार्यक्रम की शुरुआत मां शारदे की वंदना के साथ और समापन भगवान विश्वकर्मा की आराधना से हुआ। नेहा सिंह, सपना रघुवंशी एवं खुशी राजपूत के द्वारा कुलगान किया गया।
इस अवसर पर स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में एंप्लॉय स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम आयोजित किया गया था । जिसके अंतर्गत रितेश नागर के द्वारा बेसिक माइक्रोसॉफ्ट का प्रशिक्षण श्री राहुल राठौर को दिया गया एवं वेल्डिंग एवं कटिंग का प्रशिक्षण सचिन सिरोनिया के द्वारा मनीष संखवार को दिया गया था जिसके प्रमाण पत्र मुख्य अतिथि प्रोफेसर जगदीश पलसानिया एवं अध्यक्ष कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय एवं डायरेक्टर संदीप तिवारी द्वारा दिए गए। अतिथियों द्वारा दिए गए प्रशिक्षण कार्य की भूरि भूरि प्रशंसा की। कार्यक्रम का आभार समन्वयक डॉक्टर विष्णु कुमार सक्सेना द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन सुश्री अमृता शुक्ला ने किया।
इस अवसर पर श्री राजेश चौहान, अमित ठाकुर, खेमराज बैरागी, आशीष सूर्यवंशी, समस्त फैकल्टी स्टाफ सहित विद्यार्थीगण मौजूद रहे ।

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