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विश्वविद्यालय विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास और कल्याण के कार्य करने के लिए संकल्पित है – कुलपति प्रो पांडेय

विक्रम विश्वविद्यालय में 12 सितम्बर 2022 को कुलपति-विद्यार्थी संवाद का अभिनव आयोजन सम्पन्न

विक्रम विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय परिसंवाद से जुड़े डेढ़ हजार से अधिक विद्यार्थी


उज्जैनविक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में 12 सितम्बर 2022 को अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी एवं कुलपति-विद्यार्थी संवाद का अभिनव आयोजन सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में ऑफलाइन माध्यम से 500 से अधिक और ऑनलाइन माध्यम से 1050 से अधिक विद्यार्थियों ने सहभागिता की। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पाण्डेय के कार्यकाल के 2 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में कुलपति जी ने विश्वविद्यालय की विभिन्न अध्ययनशालाओं एवं विक्रम विश्वविद्यालय के परिक्षेत्र में आने वाले महाविद्यालयों के विद्यार्थियों से दिनांक 12 सितम्बर 2022 को माधव भवन के स्वर्ण जयंती सभागार में सीधा संवाद किया। इस परिसंवाद में 500 से अधिक विद्यार्थियों ने ऑफलाइन माध्यम से और 1050 से अधिक विद्यार्थियों ने ऑनलाइन माध्यम से सहभागिता की। विक्रम विश्वविद्यालय के यशस्वी कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पाण्डेय के कार्यकाल के दो वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में माननीय कुलपति जी ने विश्वविद्यालय की विभिन्न अध्ययनशालाओं एवं विक्रम विश्वविद्यालय के परिक्षेत्र में आने वाले महाविद्यालयों के विद्यार्थियों से सीधा संवाद किया। कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि हिंदी कल्चरल सेंटर, जापान की संस्थापिका डॉ रमा शर्मा एवं कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक थे। इस अवसर पर आयोजित परिसंवाद में राष्ट्रीय शिक्षा नीत्ति 2020 एवं विक्रम विश्वविद्यालय की उपलब्धियाँ और संभावनाओं पर मंथन हुआ।

विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने स्वागत भाषण एवं कार्यक्रम की पीठिका प्रस्तुत की। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विश्वविद्यालय में गत वर्षों में हुए परिवर्तन, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन और भविष्य में जिन क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता है, उन पर विद्यार्थियों की राय जानना है। इंदौर की साहित्यकार श्रीमती तृप्ति मिश्रा ने विद्यार्थियों से सेना के क्षेत्र में अवसर प्राप्त करने का आह्वान किया।


यह कार्यक्रम दिनांक 12 सितम्बर 2022 को माधव भवन परिसर के स्वर्ण जयंती सभागार में प्रातः 11 बजे से आरम्भ हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों के स्वागत से हुई। संवाद कार्यक्रम में विभिन्न अध्ययनशालाओं एवं महाविद्यालयों से आये विद्यार्थियों और शोधार्थियों ने कुलपति जी से सीधे प्रश्न पूछे। प्रश्न पूछने वाले विद्यार्थियों में पूर्वी शर्मा (भौतिकी अध्ययनशाला), गोविन्द आहूजा (सरस्वती कॉलेज), श्रुति शर्मा (वाणिज्य अध्ययनशाला), अर्जुन चंदेल (हिंदी अध्ययनशाला), मोहम्मद अब्दुल्ला (वाणिज्य अध्ययनशाला), शुभम कुमार पाल (प्राचीन भारतीय इतिहास अध्ययनशाला), शिखा (प्रबंधन अध्ययनशाला), दिनेश (हिंदी अध्ययनशाला), पलक शर्मा (प्राणिकी एवं जैव-प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला), प्रतिभा शर्मा (अर्थशास्त्र अध्ययनशाला), वीरेंद्र अंजना (कृषि अध्ययनशाला), स्नेहा चौरसिया ( राजनीति विज्ञान अध्ययनशाला), श्यामलाल चौधरी (हिंदी अध्ययनशाला), नंदिनी भदौरिया (राजनीति विज्ञान अध्ययनशाला), युवराज सिंह डोडिया (प्राचीन इतिहास अध्ययनशाला), निशिका सोनगरा (वनस्पति अध्ययनशाला), विवेक पांचाल (प्राचीन इतिहास अध्ययनशाला), श्वेता पाटीदार (गणित अध्ययनशाला), रौनक यादव (राजनीति विज्ञान अध्ययनशाला) आदि शामिल थे।


संवाद के दौरान जो प्रश्न पूछे गए उनमें पूर्वी शर्मा द्वारा विश्वविद्यालय में एक जानकारी केंद्र स्थापित करने की बात रखी गई। गोविन्द आहूजा द्वारा परीक्षा में प्रश्न पत्र में निरंतर बदलाव की आवश्यकता, श्रुति शर्मा द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीर विभागों में लगाया जाना, श्री अर्जुन चंदेल द्वारा पत्रकारिता में पीएच. डी. पाठ्यक्रम की शुरुआत, श्वेता पाटीदार द्वारा गणित के विषय में स्टार्ट-अप की संभावनाएँ एवं शुभम कुमार पाल द्वारा शिक्षा में डिजिटलाइजेशन का महत्त्व आदि शामिल थे।
कुलपति जी ने बड़ी सहजता से इन प्रश्नों का उत्तर देते हुए विद्यार्थियों को शिक्षक, कर्मचारी एवं अधिकारीगण के साथ मिलकर विश्वविद्यालय के हित में कार्य करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने पिछले दो वर्षो में 200 से अधिक पाठ्यक्रम खोले है एवं यह सभी पाठ्यक्रम मुख्यतः रोजगारपरक हैं। विश्वविद्यालय ने गत दो वर्षों में नई तकनीक का उपयोग कर आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना में कई नए स्टार्ट-अप और शिक्षा में नवाचार किये हैं, जिसके फलस्वरूप कॉमन एंट्रेंस टेस्ट में दो लाख अस्सी हजार से अधिक विद्यार्थियों ने विक्रम विश्वविद्यालय का चयन किया है। साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों को आश्वस्त किया कि विश्वविद्यालय अपनी ओर से छात्र हित में कार्य करने को संकल्पित है। सबका साथ मिले तो यह विश्वविद्यालय शिक्षा के नए आयामों को हासिल करेगा। कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि डॉ रमा शर्मा ने अपने वक्तव्य में कुलपति जी को उनके कार्यकाल के दो वर्ष पूर्ण होने पर बधाई और स्वस्तिकामनाए प्रेषित कीं। उन्होंने विश्वविद्यालय के स्वर्णिम भविष्य की कामना की। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो प्रशांत पुराणिक ने बताया कि माननीय कुलपति जी विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय का अभिन्न अंग मानते हुए उनकी समस्याओं का तत्काल समाधान करते हैं। यह उनके ही अथक प्रयासों का परिणाम है कि विश्वविद्यालय ने गत दो वर्षों में अपनी एक अलग छवि बनायी है।

विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय से जोड़ते हैं। साथ ही उन्हें विभिन्न स्तरों पर लाभान्वित करते हैं। इस प्रकार के आयोजन उन्हें अपनी भावनाएं प्रकट करने का एक मंच प्रदान करते हैं। उन्होंने कुलपति जी को इस कार्यक्रम की सफलता पर बधाई देते हुए उन्हें ऐसे कार्यक्रमों की निरंतरता को बनाये रखने की।

कार्यक्रम के आयोजक सचिव डॉ अरविन्द शुक्ल, डॉ शिवि भसीन, डॉ अजय शर्मा एवं इंजीनियर अंजलि उपाध्याय के अनुसार इस संवाद कार्यक्रम में लगभग 500 से अधिक विद्यार्थियों ने ऑफलाइन माध्यम से एवं 1050 से अधिक विद्यार्थियों ने ऑनलाइन माध्यम से सहभागिता की।

कार्यक्रम के सह-आयोजक सचिव डॉ ब्रह्मदत्त शुक्ल, डॉ कंचन थूल एवं डॉ गरिमा शर्मा ने बताया कि इस कार्यक्रम में भाग लेने से विद्यार्थियों में हर्ष-उल्लास का वातावरण है। विद्यार्थी कुलपति जी से सीधा संवाद स्थापित कर अत्यंत प्रसन्न है। जिन विद्यार्थियों ने ऑफलाइन माध्यम से सहभागिता की है उनके प्रमाणपत्र उनके विभाग/महाविद्यालयों के माध्यम से दिए जाएँगे। कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण, गणमान्य जन, अधिकारीगण, कर्मचारीगण और विद्यार्थीगण उपस्थित थे।

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