शिक्षक दिवस पर 5 सितंबर को विक्रम विश्वविद्यालय में हुआ महत्त्वपूर्ण नवाचार
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में परिकल्पित शिक्षकों की भूमिका पर केंद्रित परिसंवाद सम्पन्न
उज्जैन। शिक्षक पर्व के अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय की नवीन संकल्पना के अनुरूप विभिन्न अध्ययनशाला एवं संस्थानों में अध्ययनरत प्रतिभाशाली अभावग्रस्त विद्यार्थियों के प्रथम शिक्षक माता-पिता को सम्मानित किया गया। शलाका दीर्घा सभागार में आयोजित कार्यक्रम में सभी अध्ययनशाला एवं संस्थानों के ऐसे दो अभावग्रस्त, परन्तु प्रतिभाशाली विद्यार्थियों का चयन कर उनके अभिभावकों को कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय, कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा, विद्यार्थी कल्याण संकायाध्यक्ष डॉ सत्येंद्र किशोर मिश्रा एवं उपस्थित शिक्षकों द्वारा सम्मानित किया गया। प्रतिभासंपन्न विद्यार्थियों के अभिभावकों को कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने प्रशस्ति पत्र अर्पित किए।
इस अवसर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में परिकल्पित शिक्षकों की भूमिका पर केंद्रित परिसंवाद का आयोजन किया गया।
विक्रम विश्वविद्यालय में आयोजित मुख्य समारोह एवं परिसंवाद को सम्बोधित करते हुए कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने कहा कि माता पिता से बढ़कर गुरु कोई नहीं है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में विद्यार्थियों के संस्कार पर विशेष बल दिया गया है। भारतीय संस्कृति में पारिवारिक व्यवस्था के कारण कई प्रकार के रिश्ते और भावनाएँ विकसित होती हैं। भारतीय सभ्यता में मां बनने पर स्त्री गौरव का अनुभव करती है। नई पीढ़ी में अपने परिवार के प्रति जिम्मेदारी का बोध जगाना आवश्यक है। सभी लोग बेटियों की देखभाल के साथ उन्हें जरूर पढ़ाएं। बेटी की पढ़ाई से ही परिवार और समाज का निर्माण समुचित ढंग से हो सकता है।
संगोष्ठी की पीठिका प्रस्तुत करते हुए प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा ने कहा कि माता पिता स्वयं को अभाव और कष्ट में रखते हुए भी बच्चों की शिक्षा के लिए तत्परता दिखाते हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में परिकल्पित शिक्षकों का दायित्व बहुत बड़ा है। शिक्षकों का दायित्व है कि अभिभावकों के प्रति सम्मान और पारिवारिक जीवन को लेकर नई पीढ़ी में सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने का प्रयास करें।
कार्यक्रम की रूपरेखा विद्यार्थी कल्याण विभाग के संकायाध्यक्ष डॉ सत्येंद्र किशोर मिश्रा ने प्रस्तुत की। कार्यक्रम में कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा, प्रो अलका व्यास, डॉ कमलेश दशोरा, डॉ एस के जैन, डॉ अनिल कुमार जैन, डॉ स्वाति दुबे, डॉ कनिया मेड़ा, डॉ अजय शर्मा आदि सहित बड़ी संख्या में शिक्षक, अभिभावक और विद्यार्थी उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन डॉ नलिन सिंह पंवार ने किया। आभार प्रदर्शन डॉ शैलेन्द्र भारल ने किया।
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