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सपनों और जिज्ञासाओं को केवल शिक्षक ही पूर्ण करता है - डॉ चौधरी

पहले और आज के समय में बदलाव आया है कि शिक्षा पूर्ण करके शिक्षक अधिक बनते परन्तु वर्तमान में दो दशक में परिवर्तन है कि डॉक्टर, इंजीनियर, वकील एवं शासकीय अन्य सेवा में विद्यार्थी जा रहे है। विद्वानों ने कहा है कि शिक्षक बनना कठिन कार्य है क्योंकि शिक्षक प्रत्यक्ष भावी नागरिको का निर्माण करते है। छात्रों के दोषो को दूर करने में यश-अपयश भी मिलता है। शिक्षकीय कार्य द्वारा वो विद्यार्थियों को सपने देखने आगे बढ़ने के लिये उनकी जिज्ञासाओं शिक्षक ही पूरी कर सकता है।

उक्त विचार राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के महासचिव, आदर्श शिक्षक डॉ. प्रभु चौधरी ने नवीन कन्या हाईस्कूल महिदपुर रोड में मुख्य वक्ता के रूप में व्यक्त किये। विद्यालय में आयोजित शिक्षक दिवस पर पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णनजी के विषय में प्रभारी प्राचार्य श्री विमलकुमार सूर्यवंशी ने कहा कि डॉ. राधाकृष्णन श्रेष्ठ शिक्षक रहे इसीलिये 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जा रहा हैं। उन्हीं का अनुरोध रहा है जो शिक्षक दिवस पिछले कई वर्षो से शिक्षको को समर्पित है।

समारोह के आयोजक वरिष्ठ शिक्षक श्री अनिल सेठिया ने संबोधन में बताया कि सफलता हमेशा मेहनत करने वालो की तलाश में होती है। वर्तमान समय में शिक्षा (अध्यापन) के साथ टेक्नालाजी, खेल, योग, व्यायाम से भी जुड़ना है। शिक्षक दिवस समारोह में शिक्षिका श्रीमती स्नेहलता शर्मा, शिक्षक श्री बापूलाल चंद्रवंशी, श्रीमती नीना तबस्सुम ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

समारोह का संचालन छात्रा भूमिका सावंत ने किया एवं आभार श्री बापू लाल चंद्रवंशी ने माना समारोह के शुभारंभ में प्राचार्य एवं शिक्षको तथा छात्रो ने डॉ. राधाकृष्णन जी के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। तत्पश्चात् छात्राओं ने समस्त शिक्षको-शिक्षिकाओं को पुष्पमालाओं से स्वागत किया। समारोह में शिक्षका चन्द्रकांता चवरसिया, नीना देवडा, आशा देवडा, शमीम मंसुरी, सलमा मंसुरी, कालूराम वाघेला आदि उपस्थित रहे।

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