उज्जैन। शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय के शिशु एवं बालरोग विभाग के अंतर्गत 21 सितंबर को जन्म से लेकर 10 वर्ष तक के बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया जाएगा। शिशु के मेधा, बुद्धि व बलवर्धन तथा बार-बार होने वाले संक्रामक रोगों से बचाव के लिए अपने बच्चों को स्वर्णप्राशन अवश्य करावें। स्वर्णप्राशन माता-पिता द्वारा अपने बच्चों को दिया गया एक अनुपम उपहार है। जो उनकी स्वास्थ्य समद्धि के लिये प्राचीन ऋषियों की भेंट है।
शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय के प्रधानाचार्य एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. जे.पी. चौरसिया ने बताया कि चिकित्सालय के शिशु रोग विभाग में शिशुओं तथा बालक-बालिकाओं के उत्तम स्वास्थ्य एवं दिनचर्या, ऋतुचर्या तथा उचित आहार-विहार हेतु शिशु रोग विशेषज्ञों द्वारा नि:शुल्क परामर्श दिया जाता है तथा प्रत्येक माह मंगलवार को शिशु टीकाकरण भी सम्पादित कराया जाता है। इसी के साथ प्रत्येक माह एक बार स्वर्ण प्राशन कार्यकम भी सम्पन्न होता है। यह जानकारी शिशु रोग विशेषज्ञ एवं प्रभारी अधिकारी डॉ. गीता जाटव ने दी। चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. ओ.पी. शर्मा तथा आर.एम.ओ. डॉ. हेमंत मालवीय के निर्देशन में कर्मचारियों तथा छात्र/छात्राओं के सहयोग से स्वर्णप्राशन कार्यक्रम 21 सितंबर को प्रात: 10 से प्रारम्भ होगा। जानकारी प्रधानाचार्य डॉ. जे.पी. चौरसिया तथा मीडिया प्रभारी डॉ. प्रकाश जोशी ने दी।
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