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विज्ञान का उद्देश्य कभी भी जीवन के उद्देश्य से अलग नही हो सकता - प्रो. पी. बी. शर्मा

उच्च शिक्षा एवं शोध हेतु गुणवत्तापूर्ण शिक्षकों का निर्माण करना आज भारत में शिक्षा के क्षेत्र में सामने आ रही चुनौतियों में से एक है- प्रो. पी. बी. शर्मा

भोपाल एनआईटीटीटीआर भोपाल के निदेशक प्रो. सी. सी. त्रिपाठी द्वारा 'आज़ादी का अमृत महोत्सव' के अवसर पर व्याख्यान माला की शुरुआत की है, जिसके प्रथम ऑनलाइन व्याख्यान माला में भारत के जाने-माने शिक्षाविद् एवं एमिटी विश्वविद्यालय गुरुग्राम के कुलपति प्रो. (डॉ.) पी.बी. शर्मा (संस्थापक कुलपति आरजीपीवी भोपाल एवं डीटीयू नई दिल्ली) का "प्रेपेयरिंग टीचर्स फॉर हायर एजुकेशन इन द न्यू ऐज ऑफ़ नॉलेज एंड सस्टेनेबिलिटी" पर अपना महत्वपूर्ण व्याख्यान दिया  

व्याख्यान के अंतर्गत प्रो. पी. बी. शर्मा ने कहा कि भारत का उच्च शिक्षा तंत्र अमेरिका, चीन के बाद विश्व का तीसरा सबसे बड़ा उच्च शिक्षा तंत्र है विगत 70 वर्षों में देश के विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों एवं विद्यार्थियों और शिक्षकों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है । सभी को उच्च शिक्षा के समान अवसर सुलभ कराने की नीति के अंतर्गत उच्च शिक्षा में पुनर्संरचना की आवश्यकता है तथा बेहतर गुणवत्ता वाले शिक्षकों को इस तरह से तैयार करना चाहिए कि वे उच्च शिक्षा को कौशल / व्यवसायिक प्रशिक्षण और इंडस्ट्री इंटरफेस के साथ एकीकृत कर सके। इस तरह से तैयार किये गये शिक्षकों द्वारा गुणवत्तापूर्ण शिक्षण कौशल छात्रों को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप ज्ञान, कौशल और क्षमता प्रदान करेगा तथा यह छात्रों को वैश्विक नागरिक के रूप में अपनी प्रासंगिता बढाने वाले वैश्विक दृष्टिकोण को विकसित करने में भी सहायक होगा। 

अपने व्याख्यान में प्रो. शर्मा द्वारा स्मार्ट फ्यूचर टेक्नोलॉजी, साइबर एज, इन्फो नेनो बायो तथा ग्लोबल वार्मिंग जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी अपने विचार प्रस्तुत किये। इस व्याख्यान में संस्थान के निदेशक प्रो. सी. सी. त्रिपाठी, तथा निटर एवं स्कूल ऑफ़ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर के संकाय सदस्य, अधिकारी, कर्मचारीगण उपस्थित थे ।

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