विक्रम विश्वविद्यालय ने किया उज्जैन के उद्योग जगत् के साथ विशेष बैठक और परिसंवाद का आयोजन
उज्जैन । विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन द्वारा कार्यपरिषद कक्ष में उज्जैन के उद्योग जगत् के साथ विशेष बैठक एवं परिसंवाद का आयोजन किया गया। अध्यक्षता कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने की। आयोजन में कार्यपरिषद सदस्य श्री राजेशसिंह कुशवाह, लघु उद्योग भारती के प्रदेश पदाधिकारी श्री उल्लास वैद्य, अध्यक्ष श्री चरणजीतसिंह कालरा, वरिष्ठ समाजसेवी श्री संजय अग्रवाल, कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा आदि सहित अनेक उद्योगपतियों और समाजसेवियों ने भाग लिया। बैठक में उद्योगों के साथ विश्वविद्यालय के आपसी तालमेल पर गहन मंथन किया गया। उद्योग जगत के प्रतिनिधि सर्वश्री ब्रजेश शिवहरे, अनिल लिग्गा, सुमीना लिग्गा, सुनील भावसार, आनंद दशोरा, उमेशसिंह सेंगर, सुनील पिठवे, वीरेंद्रसिंह राजपूत, गिरीश जायसवाल, राजेश गर्ग, अनुभव आर. जैन, राजेंद्र सिरोलिया आदि ने अपने महत्त्वपूर्ण सुझाव रखे।
परिसंवाद की संकल्पना प्रस्तुत करते हुए कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने कहा कि विक्रम विश्वविद्यालय ढाई सौ से अधिक पाठ्यक्रमों के साथ प्रगति के नए सोपानों पर निरंतर अग्रसर है। वर्तमान दौर में शिक्षा को उद्योग और समाज के साथ जोड़ने की आवश्यकता है। इस दिशा में विक्रम विश्वविद्यालय विशेष प्रयास करेगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अवधारणा है कि भारत में आवश्यकता आधारित पाठ्यक्रम चलाए जाएं। उद्योगों में विद्यार्थियों को ट्रेनिंग के अवसर प्राप्त हों। इस दिशा में विशेष प्रयास किए जाएंगे। विक्रम विश्वविद्यालय में मैनेजमेंट, इंजीनियरिंग, कृषि, फूड टेक्नोलॉजी आदि सहित विभिन्न क्षेत्रों में नवीन रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम प्रारंभ किए गए हैं।
परिसंवाद में भाग लेते हुए वरिष्ठ उद्योगपति श्री उल्लास वैद्य ने कहा कि स्वाबलंबी भारत की संकल्पना के साथ उद्योग जगत द्वारा विश्वविद्यालय को जोड़ने के प्रयास किए जाएंगे। नगर में फूड टेक्नोलॉजी से जुड़े उद्योग प्रारंभ किए जाएंगे।
वरिष्ठ उद्योगपति श्री संजय अग्रवाल ने कहा कि युवा पीढ़ी को वोकेशनल ट्रेनिंग के साथ उद्योगों के विजिट कराने के लिए प्रयास होने चाहिए। क्षेत्र की प्रतिभाओं को पलायन से रोकने के लिए विशेष प्रयास की आवश्यकता है।
परिसंवाद में उद्योग जगत की ओर से अनेक महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त हुए। उनमें प्रमुख हैं, विश्वविद्यालय द्वारा एंटरप्रेन्योर कैंप लगाए जाने चाहिए। सामान्य पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों में भी उद्यमिता जागरूकता और कौशल विकास हो। विद्यार्थियों को उद्योग प्रारंभ करने की प्रक्रिया को लेकर विशेष प्रशिक्षण दिया जाए। विद्यार्थियों का इस प्रकार का डेटाबेस बनाया जाए, जिससे यह ज्ञात हो कि वे किस उद्योग और विषय क्षेत्र में रुचि रखते हैं।
परिसंवाद का संचालन कुलानुशासक प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा ने किया। आभार प्रदर्शन कार्यपरिषद् सदस्य श्री राजेशसिंह कुशवाह ने किया।
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