उक्त स्कूटर संस्था के सदस्य द्वारा छात्रों के कौशल विकास हेतु वर्कशॉप में दी गयी थी। जिसे उचित मार्गदर्शन व विशेषज्ञ श्री रवि व मुस्तफा जी के सहयोग से न्यूनतम लागत में उपयोग करने की स्थिति में लाया गया। वर्तमान में परिसर में आवागमन हेतु इसका उपयोग किया जा रहा है।
विद्यार्थियों द्वारा वाहन के इंजन की मरम्मत की गई और पेट्रोल टैंक को सीट के नीचे नए तरीके से व्यवस्थित किया गया जिससे कि वाहन सुचारू रूप से कार्य करे। वाहन बहुत पुराना था और चलन में न होने के कारण उसके पार्ट्स भी बाजार में अब उपलब्ध नहीं हैं। लेकिन तकनीक और कौशल से इसे पुनः उपयोगी बनाया गया।
विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय विद्यार्थियों को कौशल विकास हेतु सदैव मार्गदर्शन देते रहते हैं। विद्यार्थियों के इस सराहनीय कार्य पर कुलपति जी ने उन्हें बधाई दी है। विद्यार्थियों का कहना है कि इस वाहन को शीघ्र ही इलेक्ट्रिक वाहन में परिवर्तित किया जाएगा।
कुलानुशासक डॉ शैलेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि मेकैनिकल इंजीनियरिंग के विद्यार्थी सतत पर्यावरण के अनुकूल 5 आर की परिकल्पना पर कार्य कर रहे हैं। कुलसचिव डॉ प्रशांत पौराणिक ने बताया कि अभियांत्रिकी में इस तरह के अभिनव प्रयास आत्मनिर्भर भारत के निर्माण संकल्प को पूर्ण करने में सहायक होंगे। डॉ गणपत अहिरवार द्वारा बताया गया कि संस्था में प्रायोगिक कार्यों द्वारा और वर्कशॉप में लगातार विद्यार्थियों के कौशल विकास पर कार्य किया जा रहा है। विभाग के समस्त शिक्षकों और कर्मचारियों द्वारा विद्यार्थियों के सार्थक भविष्य हेतु शुभकामनाएं दी है।
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