अच्छा विचार किसी एक की सम्पत्ति नहीं - श्री जगराम
शिक्षा में स्वायत्तता और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2022 पर दो दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न
उज्जैन। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली तथा विक्रम विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में शिक्षा में स्वायत्तता और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 विषय पर दो दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन विक्रम कीर्ति मन्दिर में संपन्न हुआ। समापन सत्र की अध्यक्षता विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने की। मुख्य वक्ता शिक्षाविद् एवं चिन्तक श्री जगराम (नई दिल्ली) थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री जगराम, नई दिल्ली ने कहा कि शिक्षक और विद्यार्थी दोनों को चरित्रवान होना चाहिये। चरित्र है तो जीवन है। अच्छा विचार किसी एक की सम्पत्ति नहीं हो सकता। अपितु वह सनातन का होता है। सत्य को पकड़ोगे तो सहज हो जाओगे। बिना प्रेम के भक्ति सफल नहीं हो सकती। विनम्रता विद्या से आती है। अहंकाररहित मनुष्य पूर्णता प्राप्त करता है। हमें और सब को जीवन का लक्ष्य निर्धारित करना चाहिये। लोक जागरण से लोक व्यवस्था की यात्रा करनी होगी। न्यास शिक्षा के विभिन्न विषयों और आयामों पर काम कर रहा है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पाडेय ने कहा कि शोधार्थी नयी तकनीक दक्षता के साथ ग्रहण करें, किन्तु अपने पठन, पाठन और हस्त लेखन को भी जारी रखें। हमारी नयी पीढ़ी लिखना बहुत कम कर रही है। सबका साथ सबका विकास यह राष्ट्रीय आन्दोलन है। न्यास का उद्देश्य जब पूरा होगा जब हम सब मिलकर कार्य करेंगे।
शिक्षा में स्वायत्तता विषय के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. दुर्गाप्रसाद अग्रवाल, नई दिल्ली ने न्यास के राष्ट्रीय सचिव श्री अतुल कोठारी, नई दिल्ली के सन्देश का वाचन किया।
तकनीकी सत्र की अध्यक्षता डॉ अम्बेडकर विश्वविद्यालय, महू के कुलपति प्रो. दिनेश शर्मा ने करते हुए कहा की वे आगामी दीक्षांत समारोह की उपाधियों पर वे हिन्दी में ही हस्ताक्षर करेंगे। सत्र में विदेशों से डॉ. सुरेश चन्द्र शुक्ल शरद आलोक (ऑस्लो, नार्वे), डॉ. सोनेश मलिक (यू. एस. ए.), योना ज्योफ्री मेन (तंजानिया), ओमप्रकाश शर्मा (झाबुआ), डॉ. संदीप जोशी (जयपुर), डॉ राकेश ढंड, श्री भरत व्यास (भोपाल), मंत्री शोभा पेठणेकर (इंदौर), गायत्री स्वर्णकार (राजस्थान), डॉ. जय वर्मा (यू.के.), डॉ. अंजलि चिंतामणि (मॉरीशस) आदि ने भी सम्बोधित किया।
समापन सत्र में संगोष्ठी का प्रतिवेदन आयोजन के संयोजक डॉ. डी. डी. बेदिया ने प्रस्तुत किया। संचालन डॉ. जफर महमूद ने किया। आभार कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक ने व्यक्त किया।
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