गुरु - शिष्य परम्परा और कृष्ण गमन पथ पर होगी परिचर्चा
उज्जैन । उच्च शिक्षा विभाग, मध्यप्रदेश शासन द्वारा 13 जुलाई को इस वर्ष पहली बार गुरु पूर्णिमा पर विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में राज्य स्तरीय कार्यक्रम किया जा रहा है। इसमें आचार्य सांदीपनि वंशज ज्योतिषाचार्य पण्डित आनंद शंकर व्यास, इतिहासवेत्ता श्री भगवतीलाल राजपुरोहित प्रातः 11 बजे विद्यार्थियों को संबोधित करेंगे। कार्यक्रम का आयोजन विक्रम विश्वविद्यालय परिसर स्थित विक्रम कीर्ति मंदिर में किया जाएगा। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव ने बताया कि विभाग द्वारा पहली बार गुरु पूर्णिमा पर बृहद आयोजन किया जा रहा है, जिसमें प्रदेश के समस्त विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों के शिक्षक और विद्यार्थी ऑनलाइन शामिल होंगे। भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षास्थली उज्जैन के ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व को दृष्टिगत रखते हुए यह कार्यक्रम किया जा रहा है। यह परम सौभाग्य की बात है कि उज्जैन स्थित ऋषि सांदीपनि के आश्रम में स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने 64 कलाओं और 14 विद्याओं की शिक्षा ग्रहण की थी। एक श्रेष्ठ शिष्य के रूप में उज्जैन में विद्यार्जन करने के बाद द्वापर युग में उन्होंने अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई। श्री कृष्ण ने गुरु - शिष्य परंपरा का श्रेष्ठ रूप प्रस्तुत किया। उसी महान परंपरा को नई पीढ़ी के मध्य प्रस्तुत करने के लिए उज्जैन में पहली बार इस प्रकार के महोत्सव की योजना बनाई गई है। इस कार्यक्रम में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय भी उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम में विद्वत्जन श्रीकृष्ण गमन पथ पर प्रकाश डालेंगे। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन, महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ, स्वराज संस्थान संचालनालय एवं विवेकानंद करियर मार्गदर्शन योजना के संयुक्त तत्वावधान में यह कार्यक्रम होगा।
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