उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में शैक्षणिक सत्र 2022-23 में स्नातक, स्नातकोत्तर, पीजी डिप्लोमा, डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमों में प्रवेश की प्रक्रिया प्रारम्भ हो गई है। प्रवेश के सम्बंध में विद्यापरिषद् की स्थायी समिति की बैठक दिनांक 05 मई 2022 एवं विभागाध्यक्ष, निदेशक एवं प्रवेश समिति की बैठक दिनांक 05 मई 2022 में लिए गये निर्णय अनुसार स्नातक, स्नातकोत्तर, पीजी डिप्लोमा, डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु एम.पी. ऑनलाईन के माध्यम से लिंक दिनांक 06 मई 2022 से प्रारंभ की जाती है। प्रवेश आवेदन की अंतिम तिथि 30 जून 2022 रहेगी।
यह जानकारी देते हुए कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक ने बताया कि विश्वविद्यालय की अध्ययनशालाओं एवं संस्थानों के विभागाध्यक्ष एवं निदेशक ऑनलाईन पंजीकृत विद्यार्थियों से आवेदन प्राप्त कर वेरिफिकेशन के उपरांत पात्र विद्यार्थियों की सूची ऑनलाईन सेल को प्रेषित करेंगे। पात्र विद्यार्थियों की सूची के प्रकाशन के उपरान्त शुल्क जमा करने की अवधि सात दिवस की होगी। इसके उपरान्त प्रतीक्षा सूची के विद्यार्थियों को शुल्क जमा करना होगा। समस्त शुल्क एम. पी. ऑनलाईन के माध्यम से ही जमा होंगे।आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन
आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ | Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म 8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में हुआ। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी - आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं। उनके उपन्यास और कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं। उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है। मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती ...
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