प्रवासी साहित्य : सरोकार और सम्भावनाएं पर केंद्रित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न
उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन की हिंदी अध्ययनशाला, पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययनशाला और गांधी अध्ययन केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह संगोष्ठी प्रवासी साहित्य : सरोकार और सम्भावनाएं पर केंद्रित थी। संगोष्ठी की अध्यक्षता कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय ने की। कार्यक्रम की अतिथि वक्ता डॉ अंजलि चिंतामणि, महात्मा गांधी संस्थान, मॉरीशस, श्री सुरेशचंद्र शुक्ल शरद आलोक, नॉर्वे, डॉ दीपक कुमार पाण्डेय, डॉ नूतन पाण्डेय, नई दिल्ली, विश्वविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा, डॉ राजेंद्र प्रसाद मिश्र, नई दिल्ली, प्रो गीता नायक एवं डॉ जगदीश चंद्र शर्मा ने विषय के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। वाग्देवी भवन, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में 17 मई को आयोजित इस कार्यक्रम में मॉरीशस की हिंदी सेवी एवं प्राध्यापक डॉ अंजलि चिंतामणि को उनके विशिष्ट अवदान के लिए अतिथियों द्वारा शॉल, मौक्तिक माल एवं साहित्य भेंट कर विश्व हिंदी सारस्वत सेवा सम्मान से अलंकृत किया गया।






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