राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर विश्वविद्यालय में परिसंवाद सम्पन्न
उज्जैन । विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के स्कूल आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी तथा आईक्यूएसी सेल द्वारा राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर विशिष्ट परिसंवाद का आयोजन किया गया। यह परिसंवाद विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारत के प्रदेय और संभावनाओं पर केंद्रित था। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल के पूर्व कुलपति प्रो पी के वर्मा एवं विशिष्ट वक्ता कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा ने विचार व्यक्त किए।
पूर्व कुलपति प्रो पी के वर्मा ने कहा कि वर्तमान दौर में रिमोट सेंसिंग और स्पेस टेक्नोलॉजी अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्ध हो रहे हैं। मौसम उपग्रह के माध्यम से मौसम की सटीक भविष्यवाणी की जाती है। इसी प्रकार कम्युनिकेशन सेटेलाइट के माध्यम से संपूर्ण दुनिया में संचार का कार्य सुविधाजनक ढंग से संभव हो पा रहा है। भारत में सेटेलाइट प्रौद्योगिकी के विकास में महत्वपूर्ण प्रगति की है। आज के दौर में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों के लाभ को जन जन तक पहुंचाने की आवश्यकता है।
कुलानुशासक प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी जीवन के अभिन्न अंग के रूप में कार्य कर रहे हैं। हमारे लिए गौरव का विषय है कि आज ही के दिन 1998 में पोखरण में परमाणु परीक्षण किया गया था। शताब्दियों से मानवीय सभ्यता के विकास में वराहमिहिर, आर्यभट्ट आदि जैसे भारत के अनेक वैज्ञानिकों का अविस्मरणीय योगदान रहा है। नए दौर में कई वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकी के विशेषज्ञों ने अपनी अपार मेधा, अनुसंधान वृत्ति और परिश्रम का परिचय देते हुए भारत को एक वैज्ञानिक दृष्टि संपन्न देश के रूप में परिवर्तित किया है। शिक्षा, सूचना, स्वास्थ्य, परिवहन आदि सभी क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी का उपयोग हो रहा है।
कार्यक्रम में डीएसडब्ल्यू डॉ एस के मिश्रा, डॉ सुधीर कुमार जैन, डॉ डी डी बेदिया, डॉ संग्राम भूषण, एस ओ ई टी के संकाय सदस्य श्री राजेश चौहान, श्री आशीष सूर्यवंशी, श्री रघुनन्दन सिंह बघेल, श्री सचिन सिरोनिया, चेतन गुर्जर, डॉ अजय शर्मा आदि सहित अनेक शिक्षक एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन एसओईटी के निदेशक डॉ गणपत अहिरवार ने किया। आभार प्रदर्शन डॉ एस के जैन ने किया।
Comments