भोपाल : भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन का स्थापना दिवस 09 अप्रेल 2022 को प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी प्रदेश की सभी जिला इकाईयों द्वारा हर्षोलास के साथ मनाया जावेगा ।
भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के प्रदेशाध्यक्ष मंजुल त्रिपाठी ने बताया कि एन.एस.यूआई का स्थापना दिवस, जिला एवं ब्लाक स्तर पर आयोजित करने के निर्देश दिये गये हैं । उक्त स्थापना दिवस कार्यक्रम एन.एस.यूआई के झण्डावंदन से प्रारंभ होगा। श्री त्रिपाठी ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री प्रियदर्शिनी स्व. श्रीमती इंदिरा गांधी जी द्वारा 9,अप्रेल 1970 को छात्रों को लोकतांत्रिक अधिकार दिये जाने हेतु छात्रों का पूर्ण और राजनैतिक संगठन एन.एस.यूआई (National Student Union of India) का गठन किया गया था । जिसके अंतर्गत एक पृथक संविधान तथा ध्वज को भी आकार दिया गया । एन.एस.यूआई के गठन के बाद से ही आज तक छात्र छात्राओं की ज्वलंत समस्याओं के लिये संघर्षशील एवं अपने निहित उददेश्यों की प्राप्ति के लिये प्रयासरत रहा हैं ।आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन
आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ | Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म 8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में हुआ। उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी - आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं। उनके उपन्यास और कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं। उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है। मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती हैं। उनकी कहानियों में आधुनिक जीवन का कोई-न-कोई विशिष्ट पहलू उजागर
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