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प्रथम सत्र की मुख्य अतिथि डॉ.पूनम माटिया जी ने कहा कि महिलाओं की विचारधारा अच्छी हो तो पूरे समाज और देश पर इसका प्रभाव पड़ता है । स्वयं की अच्छी विचारधारा को अपने बच्चों को देकर जाएं ।
डॉ. ममता सिंह , नोएडा ने कहा कि अमृत महोत्सव की सफलता के लिए हम जितनी आहुतियां दे सकते हैं दें । डॉ. दीपा दीप ने कहा कि हिन्दी पर जो कार्य हो रहा है। उसे देखकर अत्यंत प्रसन्नता होती है।
डॉ. प्रभु चौधरी राष्ट्रीय महासचिव, राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना, उज्जैन ने कहा कि, शिक्षा केवल डिग्रियों से नहीं होती। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से देश में हिंदी को अच्छे से लागू करने का अवसर हमें मिला है।
अध्यक्षीय भाषण में डॉ. पूर्णिमा शर्मा , महासचिव वाव इंडिया, दिल्ली ने कहा- आज का दिन विशेष है। कार्यक्रम में उन्होंने डॉ. भीमराव अंबेडकर जी एवं महावीर जी को याद करते हुए, वैशाखी की बधाई दी।
विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित श्रीमती प्रमिला मलिक जी ने गाया - आंखों से हो दूर मगर, पांव से मंजिल दूर नहीं।
विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित डॉ. अर्चना गर्ग गाजियाबाद ने आशीर्वचन कहे।
काव्य गोष्ठी के अंतर्गत श्रीमती रंजना मजूमदार, श्रीमती उमंग सरीन, श्रीमती उषा, डॉ. पूनम भाटिया, डॉ तुलिका सेठ श्रीमती कामना मिश्रा, श्रीमती भूपेंद्र कौर , श्रीमती सोनिया, डॉ. दीपा दीप, श्रीमती राधा, श्रीमती सीमा सागर, श्रीमती ववली सिन्हा, श्रीमती कामना मिश्रा, आदि ने बहुत ही सुंदर और रोचक कविताओं का काव्य पाठ किया।
कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. रश्मि चौबे, मुख्य राष्ट्रीय महासचिव महिला इकाई, राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना की सरस्वती वंदना से हुई । स्वागत भाषण श्री ओम प्रकाश प्रजापति, संचालक ट्रू मीडिया, संपादक एवं प्रदेशाध्यक्ष राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना, उ.प्र. ने किया। कार्यक्रम के प्रथम सत्र का संचालन श्रीमती कामना मिश्रा ने किया और द्वितीय सत्र का सुंदर संचालन डॉ. रश्मि चौबे गाजियाबाद ने किया। आभार व्यक्त डॉ .प्रभु चौधरी, राष्ट्रीय महासचिव, राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ने किया।
कार्यक्रम में भारत विकास परिषद के श्री मदन मलिक सर के सहित अन्य अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।
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