उज्जैन। मालवा-निमाड़ी संस्कृति के संवर्धन और संरक्षण के लिए प्रदान किए जाने वाला भेराजी सम्मान 2022 प्रख्यात मालवी साहित्यकार प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा एवं निमाड़ी लोक साहित्यकार डॉ सुमन चौरे को भेराजी की पुण्यतिथि 18 अप्रैल को प्रदान किया जाएगा।
मालवा लोक कला संस्कृति संस्थान के संयोजक एवं सचिव जयेश भेराजी ने बताया कि, डॉ. शैलेन्द्रकुमार शर्मा ने विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के हिन्दी विभागाध्यक्ष के रूप में कार्यरत रहते हुए अनेक नवाचारी प्रयत्न किये है जिनमें विश्व हिन्दी संग्रहालय एवं अभिलेखन हेतु मालवी लोकसाहित्य एवं संस्कृति केन्द्र, भारतीय जनजाति साहित्य एवं संस्कृति केन्द्र तथा भारतीय भक्तिकालीन साहित्य एवं संस्कृति की संकलन एवं स्थापना प्रमुख है। आलोचना, निबंध, संस्मरण, साक्षात्कार, नाटक रंगमंच कला सहित लोक और जनजाति साहित्य एवं संस्कृति विमर्श, राजभाषा हिन्दी एवं देवनागरी के विविध पक्षों पर आपका योगदान अतुलनीय है। लगभग 30 से अधिक सांस्कृतिक, साहित्यिक एवं शोधपरक कृतियों के लेखन तथा अनेक पुस्तकों के संपादन में निरन्तर निमग्न डॉ. शैलेन्द्रकुमार शर्मा विश्व हिन्दी सेवा सम्मान, साहित्यिक सम्मान, आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी सम्मान, म.प्र लेखन संघ भोपाल का हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान हेतु साहित्य सम्मान, राष्ट्रीय कबीर सम्मान, काव्य भूषण सम्मान, महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार आदि अनेक सम्मान और पुरुस्कारों से अलंकृत है।
भेराजी सम्मान से सम्मानित होने जा रहीं निमाड़ी साहित्यकार डॉ सुमन चौरे ने लोकगीतों सहित लोकसंस्कृति की अध्येता तथा सामाजिक और सांस्कृतिक चेतना के घटकों का विशद विवरण, सोलह संस्कारों एवं समस्त तीज त्यौहारों के गीतों को समृद्ध कर निमाड़ी के उदभव और विकास में निरन्तर कार्य किया है। सुमन चौरे जी की "मोहि ब्रज बिसरत नाही" तथा "निमाड़ का सांस्कृतिक लोक" सुमन जी की मौलिक कृतियाँ हैं जिनमें आंचलिक लोक जीवन के विराट दर्शन होते है। इस वर्ष का 35वां भेराजी सम्मान समारोह, संस्थान की संस्थापक एवं कोषाध्यक्ष सुमन वर्मा जी की स्मृति को समर्पित रहेगा।
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