Skip to main content

विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा प्रतिकल्पा उत्कर्ष - बृहद रोजगार मेला-2022 का आयोजन 30 अप्रैल को

सैकड़ों जॉब अवसर देंगी पैंतीस से अधिक कम्पनियाँ

उज्जैन विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा प्रतिकल्पा उत्कर्ष बृहद रोजगार मेला का आयोजन दिनांक 30 अप्रैल 2022 को प्रातः 10 बजे से स्कूल आफ इंन्जीनियरिंग एवं टेक्नोलोजी (एसओईटी), देवास रोड, उज्जैन किया जा रहा है। इसके तहत अलग - अलग क्षेत्रों में युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। रोजगार मेले में 35 से अधिक कंपनियों के शामिल होने की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। रोजगार मेले में विद्यार्थीगण, पूर्व छात्र-छात्राएं एवं अन्य युवा अपना निःशुल्क पंजीयन कराकर रोजगार के अवसर प्राप्त कर सकते हैं। विक्रम विश्वविद्यालय विद्यार्थियों एवं युवाओं को महत्त्वपूर्ण सौगात देते हुए 30 अप्रैल 2022 को प्रतिकल्पा उत्कर्ष - बृहद रोजगार मेला का आयोजन कर रहा है। इस रोजगार मेले मे शामिल होकर बेरोजगार युवा अपने पसन्द के क्षेत्रों में रोजगार प्राप्त कर सकते है। रोजगार मेला में नियोजक कंपनिया अपनी आवश्यकतानुसार बेरोजगार युवकों का चयन करेगी। जो भी विद्यार्थी युवा इस मेले में शामिल होना चाहते है वे विक्रम विश्वविद्यालय के शैक्षणिक परिसर स्थित स्कूल आफ इंन्जीनियरिंग एवं टेक्नोलोजी, देवास रोड, उज्जैन में दिनांक 30 अप्रैल 2022 प्रातः 10 बजे से अपना निःशुल्क पंजीयन कराकर अपनी पसंदीदा कंपनी में साक्षात्कार दे सकते हैं। इस रोजगार मेले में हायर सेकंडरी, स्नातक, स्नातकोत्तर, पीएच डी, बी.ई., बी.टेक. एम.टेक. आदि शैक्षणिक योग्यता वाले युवा भाग ले सकते हैं। रोजगार मेले में लगभग 35 से अधिक कंपनियां शामिल हो रही हैं, जो विभिन्न विषयों जैसे जीव विज्ञान, जैव रसायन, जैव प्रौद्योगिकी, माइक्रोबायोलोजी, रसायन, भौतिक विज्ञान, गणित, सांख्यिकी, भूविज्ञान, पर्यावरण, कम्प्यूटर, इंजीनियरिंग, सूचना प्रौद्योगिकी, होटल मैनेजमेंट, कला, इतिहास, सामाजिक विज्ञान आदि क्षेत्रों से उत्तीर्ण विद्यार्थियों की नियुक्ति करेगी। इस तरह के रोजगार मेले में जहाँ एक तरफ अधिक संख्या में नियोक्ता कंपनियाँ आती हैं तो वहीं दूसरी ओर बहुत सारे युवा साथी आते हैं जो अपने लिए बेहतर रोजगार खोज रहे होते हैं।
विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि विश्वविद्यालय परिक्षेत्र के विद्यार्थियों एवं युवाओं को उनके नजदीकी स्थान पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जाने का प्रयास किया जा रहा है। देश की प्रगति के लिए युवाओं को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाया जाना आवश्यक है। डा प्रशांत पुराणिक कुलसचिव विक्रम विश्वविद्यालय ने बताया कि विश्वविद्यालय परिक्षेत्र के युवाओं को निःशुल्क रोजगार के अवसर आसानी से सुलभ कराना हमारी प्राथमिकता है।
प्रो शैलेन्द्र कुमार शर्मा, कुलानुशासक, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन ने स्पष्ट किया कि ऐसे आयोजनों से भारत में बेरोजगारी की समस्या का निराकरण किया जा सकता है। कार्यक्रम के समन्वयक डा. गणपत अहिरवार ने बताया कि रोजगार मेले में 35 से अधिक कंपनियाँ भाग ले रही हैं। प्रतिकल्पा उत्कर्ष - बृहद रोजगार मेला - 2022 के आयोजक सचिव डॉ. अरविंद शुक्ला एवं डा. शिवी भसीन ने बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य हमारे विद्यार्थियों को रोजगार रूपी नई दिशा और मकसद से परिपूर्ण करना है वही दूसरी ओर प्रतिष्ठित कंपनियों को पर्याप्त मानव संसाधन उपलब्ध कराना तथा ऐसी कंपनियों का डाटाबेस तैयार किया जाना है, जिनकी आवश्यकता के अनुसार भविष्य में विश्वविद्यालय में डिप्लोमा एवं सर्टीफिकेट कोर्स द्वारा विद्यार्थियों में कौशल विकास का सृजन किया जा सके। रोजगार मेला को सह संयोजक डॉ. ब्रह्मदत्त शुक्ल, डॉ. कंचन थूल एवं डॉ. राजेश चौहान ने समस्त विद्यार्थियों एवं युवाओं से कार्यक्रम में शामिल होने की अपील की है।
इस रोजगार मेले में स्वयं संस्था के निदेशक श्री अभिषेक सोनी जी का सहयोग सराहनीय है।

Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती हैं। उनकी कहानियों में आधुनिक जीवन का कोई-न-कोई विशिष्

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं