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स्टार्टअप्स क्षेत्रों के दोहन की अभिप्रेरणा - डॉ. धर्मेंद्र मेहता

उज्जैन। स्टार्टअप्स शुरुआत के लिए आज के वाणिज्य संकाय के नई पीढ़ी के विद्यार्थियों को अपनी संकल्पनाओं को मूर्त रूप प्रदान करने के लिये नवीन शिक्षा नीति के विषयों एवं पाठ्यक्रमों से अपनी अभिरुचियों को तराशते हुए, ज्ञान संवर्द्धन के गम्भीर प्रयासों में सक्रिय होना ही आज के प्रतिस्पर्धी समय की नितांत आवश्यकता है। उन्हें अपने संस्थानो/महाविद्यालय के वरिष्ठ शिक्षकों, शोधकर्ताओं, नव उद्योग प्रवर्तकों, व्यापार जगत के सफल-असफल  अनुभवों,संस्मरणों के साथ ही अपनी प्रैक्टिकल इंटर्नशिप के समय प्रोजेक्ट्स को भी गहनता से, पूर्ण मनोभाव से करना चाहिए।स्टार्टअप्स के उभरते हुए सेवा,सूचना प्रौद्योगिकी, खाद्य प्रसंस्करणों, गैर सेवा क्षेत्रों की निहित अनंत संभावनाओ का पूर्ण दोहन  युवा शक्ति की अभिप्रेरणा  से  ही सम्भव  है। उक्त अभिप्रेरणात्मक उद्गार पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के सह-आचार्य डॉ. धर्मेंद्र मेहता ने जिले के अग्रणी महाविद्यालय शासकीय कालिदास कन्या स्नातकोत्तर महा.वाणिज्य संकाय द्वारा विगत दिवस स्टार्टअप्स पर आयोजित विशेष व्याख्यान  में व्यक्त किये।

प्रारंभ में कार्यक्रम रूपरेखा एवं स्वागत, प्रो. (डॉ.) महेश शर्मा तथा डॉ. डी.सी. सिंघल द्वारा किया गया। व्याख्यान में प्रो. डॉ. हरीश व्यास, डॉ. महेंद्र जैन, चाँदनी जायसवाल, सीमा उपाध्याय, नरेंद्र प्रजापत,अन्य शिक्षक एवं वाणिज्य संकाय की विद्यार्थियों की बहुतायत उपस्थित थी।

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