Skip to main content

महाशिवरात्रि पर कर्कराज मन्दिर के पास पार्किंग की व्यवस्था रहेगी, श्रद्धालु जन्तर-मन्तर होकर नृसिंह घाट वाली सड़क से पार्किंग तक पहुंचेंगे, कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने महाशिवरात्रि की व्यवस्थाओं पर समीक्षा बैठक ली

उज्जैन 22 फरवरी। महाशिवरात्रि पर्व एक मार्च को मनाया जायेगा। इस अवसर पर आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को सुगम दर्शन का लाभ मिल सके, इस हेतु प्रशासन तैयारियों को अन्तिम रूप देने में लगा हुआ है। कलेक्टर श्री आशीष सिंह एवं पुलिस अधीक्षक श्री सत्येन्द्र कुमार शुक्ल ने श्री महाकालेश्वर मन्दिर में आज व्यवस्थाओं से जुड़े अधिकारियों की बैठक ली एवं आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। बैठक में बताया गया कि महाशिवरात्रि पर कर्कराज मन्दिर के पास वाहन पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है। यहां पर 400 से अधिक फोरव्हीलर वाहन एकसाथ पार्किंग किये जा सकेंगे। कलेक्टर ने वैकल्पिक रूप से त्रिवेणी संग्रहालय के पास की पार्किंग का भी उपयोग करने के निर्देश दिये गये हैं।

श्रद्धालु जन्तर-मन्तर से होकर नृसिंह घाट वाली रोड से पार्किंग तक पहुंच सकेंगे। श्रद्धालु पार्किंग के बाद 500-600 मीटर पैदल चलकर गंगोत्री व गंगा गार्डन तक पहुंचेंगे। यहां गंगा गार्डन पर जूता स्टेण्ड एवं अन्य सुविधाएं तैयार की जायेगी। गंगा गार्डन से बेरिकेटिंग से होकर श्रद्धालु शंख द्वार होते हुए दर्शन करेंगे। दर्शन के उपरान्त निर्गम द्वार से निकलकर हरसिद्धि वाले मार्ग से होते हुए झालरिया मठ होकर गंगा गार्डन पहुंचेंगे एवं अपने चप्पल-जूते एकत्रित कर पुन: पार्किंग तक जा सकेंगे। कलेक्टर ने आगमन एवं निर्गम के लिये पृथक-पृथक बेरिकेटिंग करने के निर्देश लोक निर्माण विभाग को दिये हैं। कलेक्टर ने दर्शनार्थियों की सुविधा के लिये स्थान-स्थान पर पेयजल, टॉयलेट आदि की व्यवस्था करने के साथ-साथ साफ-सफाई के लिये नगर निगम को पाबन्द किया है। कलेक्टर ने लोक निर्माण विभाग को बेरिकेटिंग के ऊपर कनात व जमीन पर कारपेट बिछाने के निर्देश दिये हैं।

कलेक्टर ने दर्शनार्थियों को कतारबद्ध दर्शन कराये जाने के लिये आवश्यक बेरिकेटिंग की व्यवस्था करने के निर्देश लोक निर्माण विभाग को दिये हैं। जूता स्टेण्ड, प्रसाद काउंटर एवं अन्य फेसिलिटी की जिम्मेदारी उज्जैन विकास प्राधिकरण को दी गई है। इसी तरह मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को मन्दिर परिक्षेत्र में आसपास तीन से चार चिन्हित स्थानों पर एम्बुलेंस खड़ी करने, आगन्तुक श्रद्धालुओं को प्राथमिक उपचार की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। वाहन पार्किंग हेतु अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक यातायात को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
बैठक में खोया-पाया केन्द्र की व्यवस्था के लिये चिन्हित स्थानों पर पीए सिस्टम स्थापित करने के साथ ही पीए सिस्टम के संचालन के लिये आवश्यक कर्मचारी जिला शिक्षा अधिकारी को नियुक्त करने के लिये कहा है। महाशिवरात्रि पर्व पर एलईडी एवं सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था प्रबंध समिति द्वारा की जायेगी। इस हेतु चिन्हित स्थानों पर मन्दिर की आईटी एवं स्टोर शाखा द्वारा एलईडी व कैमरे लगाये जायेंगे।
महाशिवरात्रि पर्व पर मन्दिर परिक्षेत्र में वितरित होने वाली खाद्य सामग्री के स्टाल आदि लगाये जाने के सम्बन्ध में कलेक्टर द्वारा तहसीलदार की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है, जिसमें थाना प्रभारी महाकाल, सहायक प्रशासक, खाद्य अधिकारी को रखा गया है। महाशिवरात्रि पर निर्बाध रूप से विद्युत आपूर्ति हेतु अधीक्षण यंत्री मप्रविवि कंपनी को निर्देशित किया गया है। विशेष परिस्थितियों में मन्दिर परिसर में विद्युत आपूर्ति 250 किलोवाट जनरेटर के माध्यम से की जायेगी।
बैठक में एडीएम श्री संतोष टैगोर, महन्त श्री विनीत गिरी, श्री आशीष पुजारी, महन्त श्री रामेश्वरदास, यूडीए सीईओ श्री एसएस रावत, स्मार्ट सिटी सीईओ श्री आशीष पाठक, श्री महाकालेश्वर मन्दिर प्रशासक श्री गणेश कुमार धाकड़ सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी मौजूद थे।

Comments

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार

Popular posts from this blog

आधे अधूरे - मोहन राकेश : पाठ और समीक्षाएँ | मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे : मध्यवर्गीय जीवन के बीच स्त्री पुरुष सम्बन्धों का रूपायन

  आधे अधूरे - मोहन राकेश : पीडीएफ और समीक्षाएँ |  Adhe Adhure - Mohan Rakesh : pdf & Reviews मोहन राकेश और उनका आधे अधूरे - प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा हिन्दी के बहुमुखी प्रतिभा संपन्न नाट्य लेखक और कथाकार मोहन राकेश का जन्म  8 जनवरी 1925 को अमृतसर, पंजाब में  हुआ। उन्होंने  पंजाब विश्वविद्यालय से हिन्दी और अंग्रेज़ी में एम ए उपाधि अर्जित की थी। उनकी नाट्य त्रयी -  आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस और आधे-अधूरे भारतीय नाट्य साहित्य की उपलब्धि के रूप में मान्य हैं।   उनके उपन्यास और  कहानियों में एक निरंतर विकास मिलता है, जिससे वे आधुनिक मनुष्य की नियति के निकट से निकटतर आते गए हैं।  उनकी खूबी यह थी कि वे कथा-शिल्प के महारथी थे और उनकी भाषा में गज़ब का सधाव ही नहीं, एक शास्त्रीय अनुशासन भी है। कहानी से लेकर उपन्यास तक उनकी कथा-भूमि शहरी मध्य वर्ग है। कुछ कहानियों में भारत-विभाजन की पीड़ा बहुत सशक्त रूप में अभिव्यक्त हुई है।  मोहन राकेश की कहानियां नई कहानी को एक अपूर्व देन के रूप में स्वीकार की जाती हैं। उनकी कहानियों में आधुनिक जीवन का कोई-न-कोई विशिष्

तृतीय पुण्य स्मरण... सादर प्रणाम ।

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1003309866744766&id=395226780886414 Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर Bkk News Bekhabaron Ki Khabar, magazine in Hindi by Radheshyam Chourasiya / Bekhabaron Ki Khabar: Read on mobile & tablets -  http://www.readwhere.com/publication/6480/Bekhabaron-ki-khabar

खाटू नरेश श्री श्याम बाबा की पूरी कहानी | Khatu Shyam ji | Jai Shree Shyam | Veer Barbarik Katha |

संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा ( स्कंद्पुराणोक्त - श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !! 'श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र'' एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ' का कर्तव्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के "माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड 'कौमारिक खंड'" में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है... वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा... आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार ने श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख लिया हैं.... आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं